मुंबई: महाराष्ट्र के भायकुला रेलवे स्टेशन पर 16 मार्च को एक भयंकर एक्सीडेंट हुआ था. जिसमें अजित कुमार नाम के एक शख्स का हाथ कटकर अलग हो गया था. इस हादसे के बाद स्टेशन पर भगदड़ मच गई.
जानकारी के मुताबिक अजित कुमार की हालत गंभीर होती जा रही थी, लेकिन सर जेजे अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने समय रहते उसके कटे हाथ को फिर से जोड़ दिया. डॉक्टरों ने करीब 11 घंटे तक ऑपरेशन करके अजित के कटे हाथ को दोबारा जोड़ा. बता दें, हाथ जोड़ने की यह प्रक्रिया बहुत जटिल होती है. हाथ की नसें, हड्डी, ब्लड सर्क्यूलेशन और बाद में जोड़े हुए हिस्से पर स्किन प्लांट करना यह कोई आसान काम नही था. लेकिन जेजे हॉस्पिटल की टीम ने यह काम कर दिखाया.
सबसे अहम बात यह ऑपरेशन होने के बाद अजित कुमार का टेम्परेचर कम होने का नाम नहीं ले रहा था. उसका आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया जो पॉजिटिव आया. कोरोना संक्रमित पेशेंट होने के कारण अजित कुमार को सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया. अजित कुमार को रोज ड्रेसिंग की जरुरत थी इसलिए डॉक्टरों की एक टीम रोज सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल जाकर उसके हाथ की ड्रेसिंग और चेकअप करती है.
पढ़ें: जिंदा रहते इलाज के लिए भटके, मरकर भी शांति नसीब नहीं
डॉ. योगेश जैसवाल ने बताया कि फिजिकली ट्रीटमेंट के साथ ही यूपी निवासी अजित कुमार को मेंटली स्टेबल रखने की जिम्मेदारी भी डॉक्टरों पर थी, इसलिए उसे यूपी के हिंदी गाने और वीडियो दिखाकर मेंटली स्टेबल रखा गया. डॉ. चंद्रकांत घरवाडे ने जानकारी दी कि अजित कुमार का ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा, इसका पूरा श्रेय जेजे हॉस्पिटल की पूरी टीम को जाता है, लेकिन उसके हाथ को सही से काम में लाने के लिए और भी दो-तीन ऑपरेशन की जरुरत है. अजित कुमार की हालात में अब सुधार हो रहा है, उसने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया.
बता दें, कटे हुए हाथ को शरीर से वापस जोड़ने की सर्जरी में सिर्फ हाथ ही नहीं बल्कि और भी अंगों को जोड़ना पड़ता है, जैसे हड्डियों, मांसपेशियों, धमनियों, शिराओं, नसों और अन्य पेशियों आदि को जोड़ने की यह प्रक्रिया एनैस्टोमॉसिस कहलाती है.