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African Unions G20 Membership : अफ्रीकी संघ के लिए जी-20 सदस्यता संबंधी भारत के प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने कहा, अफ्रीका सर्वोच्च प्राथमिकता है

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2023, 3:32 PM IST

Updated : Sep 3, 2023, 3:48 PM IST

समूह जी-20 के पूर्ण सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करने का भारत समर्थन करता है. उक्त बातें पीएम नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एक साक्षात्कार में कहीं. उनका कहना था, 'हमारा मानना है कि इस ग्रह के भविष्य के लिए कोई भी योजना सभी आवाजों के प्रतिनिधित्व और स्वीकार्यता के बिना सफल नहीं हो सकती है.'

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने प्रभावशाली समूह जी-20 के शिखर सम्मेलन के आयोजन से कुछ दिन पहले कहा कि भारत 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले इस समूह में अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने का समर्थन करता है क्योंकि सभी आवाजों को प्रतिनिधित्व और स्वीकार्यता मिलने तक दुनिया के भविष्य के लिए कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती. मोदी ने पिछले सप्ताह के अंत में पीटीआई-भाषा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में यह भी कहा कि अफ्रीका भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह वैश्विक मामलों में उन लोगों को शामिल करने के लिए काम करता है जिन्हें यह महसूस होता है कि उनकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही है.

पिछले कुछ वर्षों में भारत 'ग्लोबल साउथ' या विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को आगे रखते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर दिए विस्तृत साक्षात्कार में कहा, 'मैं आपका ध्यान हमारी जी-20 अध्यक्षता की थीम - 'वसुधैव कुटुंबकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की ओर आकर्षित करना चाहूंगा. यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक व्यापक दर्शन है जो हमारे सांस्कृतिक ताने बाने से निकला है.'

अफ्रीकी संघ की जी-20 की सदस्यता के लिए भारत के प्रस्ताव संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'यह भारत के भीतर और दुनिया के प्रति भी हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करता है.' जी-20 में अफ्रीकी संघ की सदस्यता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं. गत जून महीने में मोदी ने जी-20 के नेताओं को पत्र लिखकर नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को इस समूह की पूर्ण सदस्यता देने की पैरवी की थी.

इसके हफ्तों बाद जुलाई में कर्नाटक के हम्पी में हुई तीसरी जी-20 शेरपा बैठक के दौरान इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से शिखर सम्मेलन के मसौदा बयान में शामिल किया गया था. प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में लिया जाएगा. अफ्रीकी संघ (एयू) एक प्रभावशाली संगठन है जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के 55 देश शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने जनवरी में भारत द्वारा 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ' शिखर सम्मेलन की मेजबानी का भी उल्लेख किया जिसका उद्देश्य विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना था.

  • Africa is a top priority for us in G20; no future plan of earth can succeed without all voices being heard: PM Modi to PTI

    — Press Trust of India (@PTI_News) September 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मोदी ने कहा, 'जी-20 के भीतर भी अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. जी-20 की अध्यक्षता के दौरान हमने जो पहला काम किया, वह वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन आयोजित करना था. इसमें अफ्रीका की उत्साहपूर्ण भागीदारी थी.' उनका कहना था, 'हमारा मानना है कि इस ग्रह के भविष्य के लिए कोई भी योजना सभी आवाजों के प्रतिनिधित्व और स्वीकार्यता के बिना सफल नहीं हो सकती है.'

उन्होंने कहा, 'विशुद्ध रूप से उपयोगितावादी विश्व दृष्टिकोण से बाहर आने और 'सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाय' मॉडल को अपनाने की जरूरत है.' प्रधानमंत्री के अनुसार, अफ्रीका के साथ भारत की निकटता स्वाभाविक है क्योंकि इस क्षेत्र के साथ उसके सहस्राब्दी पुराने सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंध रहे हैं. मोदी ने कहा, 'जब हम कहते हैं कि हम दुनिया को एक परिवार के रूप में देखते हैं, तो वास्तव में हमारा मतलब भी यही होता है. हर देश की आवाज़ मायने रखती है, चाहे उसका क्षेत्रफल, अर्थव्यवस्था या क्षेत्र कुछ भी हो.'

उन्होंने कहा, 'इसमें हम महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला और क्वामे नक्रूमा के मानवीय दृष्टिकोण और आदर्शों से भी प्रेरित हैं.' प्रधानमंत्री का कहना था कि कि वैश्विक मामलों में 'ग्लोबल साउथ', विशेष रूप से अफ्रीका के अधिक समावेशन की दिशा में प्रयासों में तेजी आई है और भारत की जी-20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में विश्वास के बीज बोए हैं. उन्होंने कहा, 'वे जलवायु परिवर्तन और वैश्विक संस्थागत सुधारों जैसे कई मुद्दों पर आने वाले वर्षों में दुनिया की दिशा तय करने के लिए अधिक आत्मविश्वास हासिल कर रहे हैं. हम अधिक प्रतिनिधि और समावेशी व्यवस्था की ओर तेजी से आगे बढ़ेंगे जहां हर आवाज सुनी जाएगी.' उन्होंने यह भी कहा, 'आगे, यह सब विकसित देशों के सहयोग से होगा क्योंकि आज, वे 'ग्लोबल साउथ' की क्षमता को पहले से कहीं अधिक स्वीकार कर रहे हैं और वैश्विक भलाई के लिए इन देशों की आकांक्षाओं को एक शक्ति के रूप में पहचान रहे हैं.' जी-20 में दुनिया के 19 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - Pm Narendra Modi's Interview : भारत में भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी : पीएम मोदी

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने प्रभावशाली समूह जी-20 के शिखर सम्मेलन के आयोजन से कुछ दिन पहले कहा कि भारत 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले इस समूह में अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने का समर्थन करता है क्योंकि सभी आवाजों को प्रतिनिधित्व और स्वीकार्यता मिलने तक दुनिया के भविष्य के लिए कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती. मोदी ने पिछले सप्ताह के अंत में पीटीआई-भाषा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में यह भी कहा कि अफ्रीका भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह वैश्विक मामलों में उन लोगों को शामिल करने के लिए काम करता है जिन्हें यह महसूस होता है कि उनकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही है.

पिछले कुछ वर्षों में भारत 'ग्लोबल साउथ' या विकासशील देशों, विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को आगे रखते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर दिए विस्तृत साक्षात्कार में कहा, 'मैं आपका ध्यान हमारी जी-20 अध्यक्षता की थीम - 'वसुधैव कुटुंबकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की ओर आकर्षित करना चाहूंगा. यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक व्यापक दर्शन है जो हमारे सांस्कृतिक ताने बाने से निकला है.'

अफ्रीकी संघ की जी-20 की सदस्यता के लिए भारत के प्रस्ताव संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'यह भारत के भीतर और दुनिया के प्रति भी हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करता है.' जी-20 में अफ्रीकी संघ की सदस्यता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं. गत जून महीने में मोदी ने जी-20 के नेताओं को पत्र लिखकर नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को इस समूह की पूर्ण सदस्यता देने की पैरवी की थी.

इसके हफ्तों बाद जुलाई में कर्नाटक के हम्पी में हुई तीसरी जी-20 शेरपा बैठक के दौरान इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से शिखर सम्मेलन के मसौदा बयान में शामिल किया गया था. प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में लिया जाएगा. अफ्रीकी संघ (एयू) एक प्रभावशाली संगठन है जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के 55 देश शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने जनवरी में भारत द्वारा 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ' शिखर सम्मेलन की मेजबानी का भी उल्लेख किया जिसका उद्देश्य विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाना था.

  • Africa is a top priority for us in G20; no future plan of earth can succeed without all voices being heard: PM Modi to PTI

    — Press Trust of India (@PTI_News) September 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मोदी ने कहा, 'जी-20 के भीतर भी अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. जी-20 की अध्यक्षता के दौरान हमने जो पहला काम किया, वह वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन आयोजित करना था. इसमें अफ्रीका की उत्साहपूर्ण भागीदारी थी.' उनका कहना था, 'हमारा मानना है कि इस ग्रह के भविष्य के लिए कोई भी योजना सभी आवाजों के प्रतिनिधित्व और स्वीकार्यता के बिना सफल नहीं हो सकती है.'

उन्होंने कहा, 'विशुद्ध रूप से उपयोगितावादी विश्व दृष्टिकोण से बाहर आने और 'सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाय' मॉडल को अपनाने की जरूरत है.' प्रधानमंत्री के अनुसार, अफ्रीका के साथ भारत की निकटता स्वाभाविक है क्योंकि इस क्षेत्र के साथ उसके सहस्राब्दी पुराने सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंध रहे हैं. मोदी ने कहा, 'जब हम कहते हैं कि हम दुनिया को एक परिवार के रूप में देखते हैं, तो वास्तव में हमारा मतलब भी यही होता है. हर देश की आवाज़ मायने रखती है, चाहे उसका क्षेत्रफल, अर्थव्यवस्था या क्षेत्र कुछ भी हो.'

उन्होंने कहा, 'इसमें हम महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला और क्वामे नक्रूमा के मानवीय दृष्टिकोण और आदर्शों से भी प्रेरित हैं.' प्रधानमंत्री का कहना था कि कि वैश्विक मामलों में 'ग्लोबल साउथ', विशेष रूप से अफ्रीका के अधिक समावेशन की दिशा में प्रयासों में तेजी आई है और भारत की जी-20 अध्यक्षता ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में विश्वास के बीज बोए हैं. उन्होंने कहा, 'वे जलवायु परिवर्तन और वैश्विक संस्थागत सुधारों जैसे कई मुद्दों पर आने वाले वर्षों में दुनिया की दिशा तय करने के लिए अधिक आत्मविश्वास हासिल कर रहे हैं. हम अधिक प्रतिनिधि और समावेशी व्यवस्था की ओर तेजी से आगे बढ़ेंगे जहां हर आवाज सुनी जाएगी.' उन्होंने यह भी कहा, 'आगे, यह सब विकसित देशों के सहयोग से होगा क्योंकि आज, वे 'ग्लोबल साउथ' की क्षमता को पहले से कहीं अधिक स्वीकार कर रहे हैं और वैश्विक भलाई के लिए इन देशों की आकांक्षाओं को एक शक्ति के रूप में पहचान रहे हैं.' जी-20 में दुनिया के 19 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - Pm Narendra Modi's Interview : भारत में भ्रष्टाचार, जातिवाद, सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी : पीएम मोदी

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 3, 2023, 3:48 PM IST
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