सिरसा: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा (Taliban capture Afghanistan) होते ही दुनियाभर में माहौल बदलने लगा है. इसका असर भारत पर भी पड़ रहा है. अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत के साथ आयात और निर्यात दोनों को बंद (Taliban Banned Import And Export Of India) कर दिया है. फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (Federation of India Export Organization) के डॉक्टर अजय सहाय ने इस बात की पुष्टि भी की है.
बता दें, भारत चीनी, चाय, कॉफी, मसाला समेत अन्य चीजें एक्सपोर्ट करता है, जबकि बड़े स्तर पर ड्राई फ्रूट्स, प्याज वगैरह इम्पोर्ट किए जाते हैं. ऐसे में भारत में अब ड्राई फ्रूट्स के दाम बढ़ने (Dry Fruits Price Hiked In India) लगे हैं. इसका असर हरियाणा (Dry Fruits Price Hiked In Haryana) में भी देखने को मिल रहा है. सिरसा में बादाम की कीमत 650 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 900 से 1000 रुपये प्रति किलो तक हो गई है.
एक तरफ भारत में त्योहारों का सीजन चल रहा है तो दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई और अब ड्राई फ्रूट के बढ़े दाम (Dry Fruits Price Hiked) लोगों के बजट से बाहर होते जा रहे हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने सिरसा के ड्राई फ्रूट विक्रेताओं से बातचीत की. ड्राई फ्रूट विक्रेता काफी निराश नजर आए.
ड्राई फ्रूट विक्रेता ने कहा कि बादाम गिरी का रेट जो पहले 650 रुपये प्रति किलो था. वो अब बढ़कर 900 से 1000 रुपये प्रति किलो हो गया है. उन्होंने बताया कि बादाम गिरी के साथ अंजीर, पिस्ता, गुरबन्दी गिरी, खुरमानी आदि सभी चीजों के रेटों में वृद्धि हो गई है. दुकानदार ने बताया कि ड्राई फ्रूट के रेट में बढ़ोतरी से उनका काम केवल 20 प्रतिशत ही रह गया है. उन्होंने बताया कि जहां हम रोजाना 50 हजार से 60 हजार रुपये की सेल करते थे, वहीं अब ये सेल 2 हजार रुपये ही रह गई है.
एक दूसरे दुकानदार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि मैं ओटू गांव का रहने वाला हूं. मेरी ओटू में राशन की दुकान है. मैं रोजाना सिरसा ड्राई फ्रूट लेने आता हूं. उन्होंने बताया कि जहां पहले बादाम 600 रुपये से 650 रुपये प्रति किलो मिलते थे. वहीं अब इनकी कीमत 1200 से 1300 रुपये प्रति किलो मिल रही है.
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद व्यापार जगत पर भी खासा असर पड़ा है. वहां से निर्यात होने वाले ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई बंद होने से भारत में बादाम, खजूर, काजू, पिस्ता, अंजीर, किशमिश, मुनक्का व खुबानी के बाजार भाव में पिछले 48 घंटे में 20 से 30 फीसदी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. वहीं, सप्लाई न होने कारण आगामी त्योहारों पर ड्राई फ्रूट्स की कीमतें आसमान छू सकती हैं.
जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में ड्राई फ्रूट्स की पैदावार अच्छी खासी होती है. ऐसे में वहां से ड्राई फ्रूट्स निर्यात होकर भारत के मुंबई, दिल्ली और पंजाब के अमृतसर सीधे पहुंचते हैं. इसके बाद इन्हीं मुख्य शहरों से देश के अलग-अलग कारोबारियों तक इनकी सप्लाई होती है. अब जिस तरह के हालात अफगानिस्तान में बने हैं, उससे निर्यात पर असर पड़ना लाजिमी है. बाजार में ड्राई फ्रूट्स के भाव में 20 से 30 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है.
ड्राई फ्रूट्स सप्लाई से त्योहारी सीजन होगा प्रभावित : देहरादून के धमावाला बाजार में ड्राई फ्रूट्स कारोबार से जुड़े व्यापारियों की मानें तो अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात सामने आ रहे हैं, उससे न सिर्फ लगातार ड्राई फ्रूट्स का भाव तेजी से ऊपर जा रहा है. वहीं, आगामी त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ने के बावजूद सप्लाई न होने से ड्राई फ्रूट्स व्यापार को बड़ा झटका लग सकता है.
अफगानिस्तान के फल भी बाजार से नदारद : अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट्स के अलावा कई फल भी आते हैं. इनमें कंधारी अनार, सेब, अंगूर जैसे फ्रूट विशेष हैं. इन्हें लोग रूटीन लाइफ में इस्तेमाल करते हैं. इन सबकी अफगानिस्तान से सप्लाई बंद होने से बाजार में ग्राहकों को न सिर्फ जेब पर भारी पड़ेगी.
अफगानिस्तान में ड्राई फ्रूट्स फॉर्म बंद होने से नुकसान का अंदेशा: देहरादून में एक अरसे से खानदानी ड्राई फ्रूट्स का पेशा संभाल रहे करन सिंह की मानें तो अफगानिस्तान की बदहाल स्थिति को देखते हुए वहां बादाम, अंजीर, किशमिश, मुनक्का, खजूर, खुबानी जैसे ड्राई फ्रूट्स के फॉर्म बंद हो गए हैं. हालात सही न होने के चलते ड्राई फ्रूट्स के फार्म को चलाने वाले किसान और कांट्रेक्टर उत्पादन होने वाले फार्म हाउस में नहीं जा पा रहे हैं.
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व्यापार पर असर : देहरादून में ड्राई फ्रूट्स व्यापार से जुड़े कुछ अन्य दुकानदारों की मानें तो अफगानिस्तान से मुख्यतः ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई बंद होने से जहां एक तरफ होलसेल व खुदरा सहित डायरेक्ट सेल पर बहुत बड़ा असर पड़ने जा रहा है. वहीं ड्राई फ्रूट्स से जुड़े बेकरी जैसे अन्य तरह के व्यापार में भी प्रभावित होंगे.