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UNHCR के बाहर अफगान लोगों के प्रदर्शन करने से कोविड-19 फैलने का खतरा : अदालत - Vasant Vihar Welfare Association

दिल्ली उच्च न्यायालय ने UNHCR कार्यालय के बाहर शरणार्थी दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अफगान नागरिकों के एकत्रित होने पर बुधवार को चिंता जताई. अदालत ने कहा है कि यह कोरोना वायरस के तेजी से फैलने का कारण बन सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Sep 1, 2021, 6:44 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court ) ने संयुक्‍त राष्‍ट्र शरणार्थी उच्‍चायुक्‍त कार्यालय ( United Nations High Commissioner for Refugees - UNHCR) के बाहर शरणार्थी दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों के एकत्रित होने पर बुधवार को चिंता जताई. अदालत ने कहा कि यह कोरोना वायरस के तेजी से फैलने का कारण बन सकता है, क्योंकि वहां पर कोविड-19 नियमों का पालन नहीं किया जा रहा.

प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति नहीं

उच्च न्यायालय ने कहा कि इस स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि वहां पर प्रदर्शनकारी बिना मास्क पहने एक-दूसरे के निकट दिख रहे हैं. अदालत ने अधिकारियों से इस पर कार्रवाई करने को कहा.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस से कहा, इस मुद्दे के समाधान के लिए वे मिलकर सोच विचार करें और यह भी ध्यान रखें कि लोगों की भीड़ कोविड-19 फैलने का कारक न बने.

मंत्रालयों को नोटिस जारी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन ( Vasant Vihar Welfare Association ) की याचिका पर गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दक्षिण दिल्ली नगर निगम और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किए.

याचिका में कहा गया है कि विदेशी नागरिक (शरणार्थी/शरण पाने के इच्छुक) UNHCR और दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार के बी ब्लॉक के बाहर 15 अगस्त से एकत्रित हो रहे हैं, वे यहां आसपास गलियों और उद्यानों में भी एकत्रित होते हैं और इस वजह से रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

अदालत ने कहा कि इस वजह से आम लोगों को दिक्कत हो रही है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार से यह बताने को कहा कि उच्चतम न्यायालय के प्रदर्शन का अधिकार मुद्दे पर दिशा-निर्देश बनाने के आदेश के अनुपालन में उसने क्या कदम उठाए हैं.

कोविड-19 फैलने का खतरा

याचिका में कहा गया है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद इन लोगों में अफगानिस्तान से आए विदेशी नागरिकों की संख्या बीते एक हफ्ते में कई गुना बढ़ गई. एसोसिएशन की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषिकेश बरूआ ने कहा कि लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है, यही नहीं जिस तरह से वे विदेशी नागरिक प्रदर्शन में एक दूसरे के करीब बैठते हैं इससे कोविड-19 फैलने का खतरा है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने और रास्ता साफ करवाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि लोग वहां रहने लगे हैं, थूकते हैं, खुले में शौच करते हैं और उन्होंने इलाके में अतिक्रमण कर लिया है और संभवत: इन लोगों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण भी नहीं हुआ है.

केंद्र के स्थायी वकील अजय दिग्पाल ने कहा कि यह सामान्य हालात नहीं हैं और निवासियों को थोड़ा मानवीय रूख अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय मुद्दे हैं जिनका समाधान रातोंरात नहीं निकाला जा सकता क्योंकि इसके बड़े अंतरराष्ट्रीय दुष्परिणाम होंगे.

अगली सुनवाई तीन सितंबर को

अदालत ने अधिकारियों से कहा कि इस मुद्दे का समाधान किस तरह निकाला जा सकता है इस बारे में वे निर्देश प्राप्त करें. इसके साथ ही उसने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख तीन सितंबर तय की.

पढ़ें : अफगान संकट : भारत में नई शरणार्थी नीति समय की मांग?

अदालत ने कहा, 'लोगों को परेशानी हो रही है, चिंता की केवल यही बात नहीं है बल्कि हमें इस बात की चिंता अधिक है कि यह कोविड-19 फैलने का कारक न बन जाए. शहर दूसरी लहर से बमुश्किल उबरा है. आपको सुनिश्चित करना होगा कि प्रदर्शनकारी कोविड नियमों का पालन करें. पहले उनसे मास्क पहनने और फिर प्रदर्शन करने को कहें.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court ) ने संयुक्‍त राष्‍ट्र शरणार्थी उच्‍चायुक्‍त कार्यालय ( United Nations High Commissioner for Refugees - UNHCR) के बाहर शरणार्थी दर्जे की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों के एकत्रित होने पर बुधवार को चिंता जताई. अदालत ने कहा कि यह कोरोना वायरस के तेजी से फैलने का कारण बन सकता है, क्योंकि वहां पर कोविड-19 नियमों का पालन नहीं किया जा रहा.

प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति नहीं

उच्च न्यायालय ने कहा कि इस स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि वहां पर प्रदर्शनकारी बिना मास्क पहने एक-दूसरे के निकट दिख रहे हैं. अदालत ने अधिकारियों से इस पर कार्रवाई करने को कहा.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस से कहा, इस मुद्दे के समाधान के लिए वे मिलकर सोच विचार करें और यह भी ध्यान रखें कि लोगों की भीड़ कोविड-19 फैलने का कारक न बने.

मंत्रालयों को नोटिस जारी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन ( Vasant Vihar Welfare Association ) की याचिका पर गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दक्षिण दिल्ली नगर निगम और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किए.

याचिका में कहा गया है कि विदेशी नागरिक (शरणार्थी/शरण पाने के इच्छुक) UNHCR और दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार के बी ब्लॉक के बाहर 15 अगस्त से एकत्रित हो रहे हैं, वे यहां आसपास गलियों और उद्यानों में भी एकत्रित होते हैं और इस वजह से रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

अदालत ने कहा कि इस वजह से आम लोगों को दिक्कत हो रही है. इसके साथ ही दिल्ली सरकार से यह बताने को कहा कि उच्चतम न्यायालय के प्रदर्शन का अधिकार मुद्दे पर दिशा-निर्देश बनाने के आदेश के अनुपालन में उसने क्या कदम उठाए हैं.

कोविड-19 फैलने का खतरा

याचिका में कहा गया है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद इन लोगों में अफगानिस्तान से आए विदेशी नागरिकों की संख्या बीते एक हफ्ते में कई गुना बढ़ गई. एसोसिएशन की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषिकेश बरूआ ने कहा कि लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है, यही नहीं जिस तरह से वे विदेशी नागरिक प्रदर्शन में एक दूसरे के करीब बैठते हैं इससे कोविड-19 फैलने का खतरा है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने और रास्ता साफ करवाने की मांग की.

उन्होंने कहा कि लोग वहां रहने लगे हैं, थूकते हैं, खुले में शौच करते हैं और उन्होंने इलाके में अतिक्रमण कर लिया है और संभवत: इन लोगों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण भी नहीं हुआ है.

केंद्र के स्थायी वकील अजय दिग्पाल ने कहा कि यह सामान्य हालात नहीं हैं और निवासियों को थोड़ा मानवीय रूख अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय मुद्दे हैं जिनका समाधान रातोंरात नहीं निकाला जा सकता क्योंकि इसके बड़े अंतरराष्ट्रीय दुष्परिणाम होंगे.

अगली सुनवाई तीन सितंबर को

अदालत ने अधिकारियों से कहा कि इस मुद्दे का समाधान किस तरह निकाला जा सकता है इस बारे में वे निर्देश प्राप्त करें. इसके साथ ही उसने मामले पर सुनवाई की अगली तारीख तीन सितंबर तय की.

पढ़ें : अफगान संकट : भारत में नई शरणार्थी नीति समय की मांग?

अदालत ने कहा, 'लोगों को परेशानी हो रही है, चिंता की केवल यही बात नहीं है बल्कि हमें इस बात की चिंता अधिक है कि यह कोविड-19 फैलने का कारक न बन जाए. शहर दूसरी लहर से बमुश्किल उबरा है. आपको सुनिश्चित करना होगा कि प्रदर्शनकारी कोविड नियमों का पालन करें. पहले उनसे मास्क पहनने और फिर प्रदर्शन करने को कहें.'

(पीटीआई-भाषा)

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