दुमकाः दुमका की बेटी पर पेट्रोल डालकर हत्या करने वाले शाहरुख हुसैन और मो नईम का केस कोई अधिवक्ता नहीं लड़ेंगे. यह निर्णय दुमका जिला बार एसोसिएशन की बैठक में लिया गया है. जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव राकेश कुमार यादव ने बताया कि गुरुवार को कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सर्वसहमति से निर्णय लिया गया है कि जघन्य अपराध करने वाले शाहरुख हुसैन और मो नईम का केस कोई वकील नहीं लड़ेंगे.
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महासचिव ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक का एक ही एजेंडा था. उन्होंने कहा कि एक नाबालिग लड़की को जिंदा जला कर मार दिया गया है. इससे जघन्य अपराध नहीं हो सकता है. अपराध की प्रवृति को देखते हुए आरोपी को सख्त सजा मिले. इसको लेकर सामूहिक रूप से फैसला लिया गया है कि कोई भी अधिवक्ता दोनों आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे और ना ही उनकी कोई पैरवी करेंगे. उन्होंने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है. समाज में इसकी पुनरावृत्ति ना हो, इसे लेकर ही हमने यह निर्णय लिया है.
वहीं, नाबालिग की हत्या मामले में पुलिस गहन जांच में जुटी है. पुलिस मामले की वैज्ञानिक और तकनीकी के जरिये साक्ष्य को एकत्रित कर रही है. बताया जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में चार्जशीट सौंपा जाएगा. डीएसपी हेडक्वार्टर विजय कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार एक सप्ताह के अंदर चार्जशीट दाखिल करना है. इसको लेकर साक्ष्य को जुटा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाईपास रोड स्थित पेट्रोल पंप से 22 अगस्त की रात दोनों दरिंदों ने बोतल में पेट्रोल खरीदा था और 23 अगस्त की सुबह शाहरुख ने एक नाबालिग के घर जाकर उसके उपर पेट्रोल छिंड़कर आग लगा दी थी, जिसकी इलाज के दौरान रिम्म में मौत हो गई थी.