नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी एक एनालिसिस रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूरे भारत में राज्य विधानसभाओं में लगभग 44 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये घोषणा खुद विधायकों ने अपने हलफनामे में की है. एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) की एनालिसिस रिपोर्ट में देश भर में राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान विधायकों द्वारा चुनाव लड़ने से पहले दाखिल किए गए हलफनामों की पड़ताल की गई. फिर पड़ताल के आधार पर रिपोर्ट जारी की गई.
रिपोर्ट में दिल्ली के 70 में से 44 विधायकों (63 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 13 मुकदमों के साथ सबसे आगे हैं. जबकि 37 विधायकों (53 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन 44 विधायकों में 39 विधायक आम आदमी पार्टी के और पांच भाजपा के हैं. आप के 39 विधायकों में से 19 विधायक ऐसे हैं, जिन पर एक या दो केस दर्ज हैं. बाकी अन्य 20 विधायकों पर तीन या उससे ज्यादा केस दर्ज हैं. सूची में दूसरे नंबर पर भी आप के ही ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद अगर आप के बड़े चेहरों की बात करें तो पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर पुराने हलफनामे के अनुसार तीन मुकदमे दर्ज हैं. चुनाव के बाद सिसोदिया पर आबकारी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दो मुकदमे और दिल्ली सरकार की एक एजेंसी द्वारा जासूसी कराने के मामले में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है. इस तरह से सिसोदिया के खिलाफ मुकदमों की संख्या छह हो गई है. शिक्षा मंत्री आतिशी पर एक, गोपाल राय पर एक, राजकुमार आनंद पर एक, सत्येंद्र जैन पर दो, रामनिवास गोयल पर एक, राखी बिड़ला पर एक और दुर्गेश पाठक पर भी एक मुकदमा दर्ज है. भाजपा विधायकों की बात करें तो ओमप्रकाश शर्मा के खिलाफ दो, विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ दो, जितेंद्र महाजन के खिलाफ दो और अभय वर्मा और अनिल वाजपेई के खिलाफ एक-एक मुकदमा दर्ज है.