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उत्तराखंड: भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए आदि कैलाश यात्रा दो माह के लिए स्थगित - Adi Kailash Yatra postponed

प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है,जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए कुमाऊं मंडल विकास निगम ने आदि कैलाश यात्रा को दो माह के लिए स्थगित कर दिया है. कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी संदीप तिवारी का कहना है कि मौसम सामान्य हो जाने पर यात्रा को फिर से शुरू कर दिया जाएगा.

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Published : Jul 8, 2023, 11:14 AM IST

Updated : Jul 8, 2023, 11:55 AM IST

आदि कैलाश यात्रा दो माह के लिए स्थगित

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा काठगोदाम से आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा मानसून सीजन को देखते हुए स्थगित कर दी गयी है. कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी संदीप तिवारी का कहना है कि पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते फिलहाल आदि कैलाश यात्रा को दो महीने के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. जैसे ही हालात सामान्य होंगे, उसके बाद आदि कैलाश यात्रा को फिर से इस सीजन में शुरू किया जाएगा.

भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए यात्रा स्थगित: गौरतलब है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम काठगोदाम से आदि कैलाश और ओम पर्वत की 8 दिन की यात्रा संचालित करता है. जिसमें कुमाऊं मंडल के विभिन्न स्थलों व मंदिरों का भ्रमण कराया जाता है. इस वर्ष अभी तक 20 दलों के 125 श्रद्धालु आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पूरी कर चुके हैं. अब खराब मानसून के कारण यात्रा को रोकना पड़ा है. आदि कैलाश हिन्दू सनातन धर्म में एक विशेष स्थान रखता है.
पढ़ें-अब उत्तराखंड के लिपुलेख से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, पहाड़ी से साफ दिख रहा बाबा भोले का 'घर'

आदि कैलाश का हिंदू धर्म में खास महत्व: आदि कैलाश का संबंध भगवान शिव से है. इसे हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान माना जाता है. आदि कैलाश को शिव कैलाश, छोटा कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है. आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है. आदि कैलाश भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक है और जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 5,945 मीटर है.

आदि कैलाश यात्रा दो माह के लिए स्थगित

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड): कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा काठगोदाम से आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा मानसून सीजन को देखते हुए स्थगित कर दी गयी है. कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी संदीप तिवारी का कहना है कि पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते फिलहाल आदि कैलाश यात्रा को दो महीने के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. जैसे ही हालात सामान्य होंगे, उसके बाद आदि कैलाश यात्रा को फिर से इस सीजन में शुरू किया जाएगा.

भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए यात्रा स्थगित: गौरतलब है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम काठगोदाम से आदि कैलाश और ओम पर्वत की 8 दिन की यात्रा संचालित करता है. जिसमें कुमाऊं मंडल के विभिन्न स्थलों व मंदिरों का भ्रमण कराया जाता है. इस वर्ष अभी तक 20 दलों के 125 श्रद्धालु आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा पूरी कर चुके हैं. अब खराब मानसून के कारण यात्रा को रोकना पड़ा है. आदि कैलाश हिन्दू सनातन धर्म में एक विशेष स्थान रखता है.
पढ़ें-अब उत्तराखंड के लिपुलेख से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, पहाड़ी से साफ दिख रहा बाबा भोले का 'घर'

आदि कैलाश का हिंदू धर्म में खास महत्व: आदि कैलाश का संबंध भगवान शिव से है. इसे हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थान माना जाता है. आदि कैलाश को शिव कैलाश, छोटा कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है. आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है. आदि कैलाश भारत-तिब्बत सीमा के नजदीक है और जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 5,945 मीटर है.

Last Updated : Jul 8, 2023, 11:55 AM IST
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