लखनऊ : सेना भर्ती के लिए केन्द्र सरकार की नई योजना अग्निवीर के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहा है. उत्तर प्रदेश में भी अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं में अक्रोश देखने को मिल रहा है. अग्निपथ योजना के विरोध में कुछ युवाओं द्वारा सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया गया था, लेकिन पुलिस की सतर्कता के कारण इसका असर यूपी में देखने को नहीं मिला. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर भारत बंद का ऐलान किया गया था. भारत बंद के ऐलान की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली थी. मामला संज्ञान में आने के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया गए थे. भारत बंद के ऐलान के बाद सोमवार की सुबह से ही यूपी पुलिस कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए सक्रिय है.
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिविल पुलिस के अलावा 141 कंपनी पीएसी व 10 कंपनी केन्द्रीय पुलिस बल संवेदनशील जिलों में भेजी गई है. राज्य में कहीं पर भी कोई बाजार बंद नहीं है.
छात्रों के सहारे राजनीतिक तत्वों ने फैलाई अराजकता : एडीजी
एडीडी प्रशांत कुमार का कहना है कि अग्निवीर योजना के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शनों में जब तक प्रतियोगी छात्रों की सहभागिता रही, तब तक पुलिस द्वारा संवेदनशील रूप से प्रदर्शनकारियों के साथ व्यवहार किया गया. लेकिन जब इन प्रदर्शनों में असामाजिक तत्वों व पॉलिटिकल तत्वों ने कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए घुसपैठ की. जिसके कारण कुछ स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन किया गया, हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए आरोपियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं. प्रशांत कुमार ने बताया कि अब तक कुल 39 एफआईआर दर्ज की गई हैं व 330 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 145 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 151 की कार्रवाई की गई है.
तोड़-फोड़ करने वालों से होगी वसूली : एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अराजकता करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान यदि सार्वजनिक व निजी संपत्ति की हानि होती है, तो उसकी वसूली वैधानिक रूप से ऐसे अराजक तत्वों से की जाएगी.