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कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए: आईजीपी - कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को फैसला आएगा. इसे लेकर जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर जोन के आईजीपी ने कहा कि 'पर्याप्त व्यवस्था' की गई है. Article 370, ensure peace in Kashmir says IGP, Supreme Court.

IGP
वी के बिरदी
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By PTI

Published : Dec 10, 2023, 3:37 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को फैसला सुनाएगा, इसके मद्देनजर कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.

कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) वी के बिरदी ने कहा, 'यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि घाटी में हर परिस्थिति में शांति बनी रहे.' केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था. न्यायालय सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुनाएगा.

पांच न्यायाधीशों की पीठ ने गत पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आईजीपी ने सोमवार के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा कि 'पर्याप्त व्यवस्था' की गई है. बिरदी ने पिछले दो हफ्ते में घाटी के 10 जिलों में से अधिकतर में सुरक्षा समीक्षा बैठकें कीं.

उन्होंने कहा, 'हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर में शांति भंग न हो.' यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू करने का आदेश उच्चतम न्यायालय के अपेक्षित फैसले से संबंधित है, उन्होंने कहा कि कुछ तत्वों द्वारा लोगों को भड़काने की कोशिश करने की कई घटनाएं हुई हैं.

बिरदी ने कहा, 'हाल में कई ऐसे पोस्ट साझा किए गए हैं, जिनमें लोगों को भड़काने की कोशिश की गई है. ऐसे तत्वों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई है और आगे भी की जाएगी.'

प्राधिकारियों ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील या आतंकवाद एवं अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

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उन्होंने कहा, 'हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर में शांति भंग न हो.' यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू करने का आदेश उच्चतम न्यायालय के अपेक्षित फैसले से संबंधित है, उन्होंने कहा कि कुछ तत्वों द्वारा लोगों को भड़काने की कोशिश करने की कई घटनाएं हुई हैं.

बिरदी ने कहा, 'हाल में कई ऐसे पोस्ट साझा किए गए हैं, जिनमें लोगों को भड़काने की कोशिश की गई है. ऐसे तत्वों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई है और आगे भी की जाएगी.'

प्राधिकारियों ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील या आतंकवाद एवं अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

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