मंगलुरु : स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के महीनों तक चले विरोध के बाद मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (एमआईए) से अडाणी एयरपोर्ट्स के नाम वाला बोर्ड हटा लिया गया है.
सामाजिक कार्यकर्ता दिलराज अल्वा ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि अडाणी समूह के हवाईअड्डे का संचालन अपने हाथ में लेने से पहले नाम वाला जो मूल बोर्ड लगा था, उसे फिर से लगा दिया गया है. उन्होंने इस मुद्दे को हवाईअड्डा प्राधिकारियों के समक्ष उठाया था.
अल्वा ने बताया कि अडाणी समूह ने हवाईअड्डे का संचालन अपने हाथ में लेने के बाद नाम वाले बोर्ड पर नाम बदलकर अडाणी एयरपोर्ट्स कर दिया था. हालांकि हवाईअड्डे के संचालन एवं रखरखाव के लिए समझौते के अनुसार हवाईअड्डे का नाम बदलने का कोई प्रावधान नहीं है. एक आरटीआई पर मिले जवाब से यह पता चला.
भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण और एमआईए निदेशक को इस साल मार्च में एक कानूनी नोटिस भेजकर इस पर सवाल किया गया था.
सामाजिक कार्यकर्ताओं और एयरपोर्ट कर्मचारी संघ ने फरवरी 2021 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी और मंगलुरु हवाईअड्डे को अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को सौंपने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि हवाईअड्डों का निजीकरण अवैध है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस याचिका में आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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इस बीच सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध जारी रखा. अब अडाणी समूह ने ही मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नेम बोर्ड से 'अडाणी' का टैग हटा दिया है.
अल्वा ने कहा कि इस संबंध में हुई कानूनी लड़ाई का अब परिणाम सामने आया है और शुक्रवार से मूल नेम बोर्ड को बहाल कर दिया गया है. एमआईए के आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर अकाउंट में भी बदलाव किए गए हैं.