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स्टेन स्वामी का निधन : अस्पताल ने बंबई उच्च न्यायालय को दी सूचना - कार्यकर्ता स्टेन स्वामी

कार्यकर्ता स्टेन स्वामी (84) का निधन हो गया है. स्वामी का जिस अस्पताल में इलाज चल रहा था, उसके अधिकारियों ने बंबई उच्च न्यायालय को इस संबंध में सूचना दे दी है. उनके निधन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी सहित कई नेताओं ने दुख जताया.

Activist Stan Swamy died
Activist Stan Swamy died
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Published : Jul 5, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 9:53 PM IST

मुंबई : एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले (Elgar Parishad-Maoist links case) के एक आरोपी जेसुइट पुजारी स्टेन स्वामी (Jesuit priest Stan Swamy) का निधन हो गया है. स्टेन स्वामी की मौत को लेकर उस अस्पताल के एक अधिकारी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court) को सूचित, जहां उनका इलाज किया जा रहा था.

स्वामी के निधन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह फादर स्टैन स्वामी के निधन से दुखी और आक्रोशित हैं. येचुरी ने ट्वीट किया, 'फादर स्टैन स्वामी के निधन से बहुत दुखी और आक्रोशित हूं. वह एक पादरी और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कमजोरों की अथक सहायता की. अधिकनायकवादी गैर कानूनी गतिविधियां नियंत्रक अधिनियम (यूएपीए) के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया और आमनवीय व्यवहार किया गया, जबकि उन पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ था.'उन्होंने कहा कि हिरासत में हुई इस हत्या के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए.

सीताराम येचुरी का ट्वीट
सीताराम येचुरी का ट्वीट

वहीं उनकी मौत पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'फादर स्टैन स्वामी के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि. वह न्याय और मानवीयता के हकदार थे.'

इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, 'फादर स्टैन स्वामी को विनम्र श्रद्धांजलि. कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति जिसने जीवन भर गरीबों-आदिवासियों की सेवा की और मानव अधिकारों की आवाज बना, उन्हें मृत्यु की घड़ी में भी न्याय एवं मानव अधिकारों से वंचित रखा गया.'

पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट के जरिए दावा किया, 'इस त्रासदी के लिए भारत सरकार की व्यवस्था में किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? कोई गलती मत करिए-यह इंडियन स्टेट है, जिसने उन फादर स्टैन स्वामी की हत्या की जो सामाजिक न्याय के प्रखर पैरोकार थे.'

स्टेन स्वामी के निधन पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी दुख जताया. उन्होंने 84 वर्षीय आदिवासी नेता स्टेन स्वामी की मृत्यु पर सोमवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि कठोर और निर्दयी सरकार ने उन्हें उनके सम्मान से वंचित कर दिया और वह उनकी मौत के लिए जिम्मेदार है.

महबूबा ने ट्वीट किया है, 'आदिवासी नेता 84 वर्षीय स्टेन स्वामी की मृत्यु से बहुत दुखी हूं. कठोर और निर्दयी सरकार ने उनके जीवित रहते उनसे उनका सम्मान छीन लिया और वही उनकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार है. बहुत आश्चर्यचकित हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.'

बांद्रा में होली फैमिली अस्पताल (Holy Family Hospital) के निदेशक डॉ इयान डिसूजा (Dr Ian D'Souza) ने हाई कोर्ट की जस्टिस एस एस शिंदे ( S S Shinde) और एनजे जमादार (N J Jamadar) की खंडपीठ को बताया कि 84 वर्षीय स्वामी का सोमवार दोपहर 1.30 बजे निधन हो गया.

जनजातीय अधिकार कार्यकर्ता (tribal rights activist) को 29 मई को तलोजा जेल (Taloja prison ) से निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनके द्वारा दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद, चिकित्सा ध्यान देने की मांग की गई क्योंकि वह तब कोविड ​​-19 और पार्किंसंस रोग (Parkinson's disease) से पीड़ित थे.

डिसूजा ने अदालत को बताया कि स्वामी को रविवार की सुबह दिल का दौरा (cardiac arrest) पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट (ventilator support) पर रखा गया.

अधिकारी ने अदालत को बताया कि वह (स्वामी) ठीक नहीं हुए और आज दोपहर उनका निधन हो गया.

उन्होंने कहा कि मौत का कारण पुलमोनरी इनफेक्शन (pulmonary infection) , पार्किंसंस रोग और कोविड ​​-19 की जटिलताएं हैं.

पढ़ें - कलियुग के कल्कि अवतार ने दी धमकी, ग्रेच्युटी दो वरना सूखा ला दूंगा !

स्वामी के वकील मिहिर देसाई (Mihir Desai) ने कहा कि तलोजा जेल अधिकारियों की ओर से लापरवाही हुई, जो जेसुइट पुजारी को तत्काल चिकित्सा प्रदान करने में विफल रहे. स्वामी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में थे.

मुंबई : एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले (Elgar Parishad-Maoist links case) के एक आरोपी जेसुइट पुजारी स्टेन स्वामी (Jesuit priest Stan Swamy) का निधन हो गया है. स्टेन स्वामी की मौत को लेकर उस अस्पताल के एक अधिकारी ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court) को सूचित, जहां उनका इलाज किया जा रहा था.

स्वामी के निधन पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह फादर स्टैन स्वामी के निधन से दुखी और आक्रोशित हैं. येचुरी ने ट्वीट किया, 'फादर स्टैन स्वामी के निधन से बहुत दुखी और आक्रोशित हूं. वह एक पादरी और सामाजिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कमजोरों की अथक सहायता की. अधिकनायकवादी गैर कानूनी गतिविधियां नियंत्रक अधिनियम (यूएपीए) के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया और आमनवीय व्यवहार किया गया, जबकि उन पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ था.'उन्होंने कहा कि हिरासत में हुई इस हत्या के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए.

सीताराम येचुरी का ट्वीट
सीताराम येचुरी का ट्वीट

वहीं उनकी मौत पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'फादर स्टैन स्वामी के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि. वह न्याय और मानवीयता के हकदार थे.'

इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, 'फादर स्टैन स्वामी को विनम्र श्रद्धांजलि. कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति जिसने जीवन भर गरीबों-आदिवासियों की सेवा की और मानव अधिकारों की आवाज बना, उन्हें मृत्यु की घड़ी में भी न्याय एवं मानव अधिकारों से वंचित रखा गया.'

पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट के जरिए दावा किया, 'इस त्रासदी के लिए भारत सरकार की व्यवस्था में किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? कोई गलती मत करिए-यह इंडियन स्टेट है, जिसने उन फादर स्टैन स्वामी की हत्या की जो सामाजिक न्याय के प्रखर पैरोकार थे.'

स्टेन स्वामी के निधन पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी दुख जताया. उन्होंने 84 वर्षीय आदिवासी नेता स्टेन स्वामी की मृत्यु पर सोमवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि कठोर और निर्दयी सरकार ने उन्हें उनके सम्मान से वंचित कर दिया और वह उनकी मौत के लिए जिम्मेदार है.

महबूबा ने ट्वीट किया है, 'आदिवासी नेता 84 वर्षीय स्टेन स्वामी की मृत्यु से बहुत दुखी हूं. कठोर और निर्दयी सरकार ने उनके जीवित रहते उनसे उनका सम्मान छीन लिया और वही उनकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार है. बहुत आश्चर्यचकित हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.'

बांद्रा में होली फैमिली अस्पताल (Holy Family Hospital) के निदेशक डॉ इयान डिसूजा (Dr Ian D'Souza) ने हाई कोर्ट की जस्टिस एस एस शिंदे ( S S Shinde) और एनजे जमादार (N J Jamadar) की खंडपीठ को बताया कि 84 वर्षीय स्वामी का सोमवार दोपहर 1.30 बजे निधन हो गया.

जनजातीय अधिकार कार्यकर्ता (tribal rights activist) को 29 मई को तलोजा जेल (Taloja prison ) से निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनके द्वारा दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद, चिकित्सा ध्यान देने की मांग की गई क्योंकि वह तब कोविड ​​-19 और पार्किंसंस रोग (Parkinson's disease) से पीड़ित थे.

डिसूजा ने अदालत को बताया कि स्वामी को रविवार की सुबह दिल का दौरा (cardiac arrest) पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट (ventilator support) पर रखा गया.

अधिकारी ने अदालत को बताया कि वह (स्वामी) ठीक नहीं हुए और आज दोपहर उनका निधन हो गया.

उन्होंने कहा कि मौत का कारण पुलमोनरी इनफेक्शन (pulmonary infection) , पार्किंसंस रोग और कोविड ​​-19 की जटिलताएं हैं.

पढ़ें - कलियुग के कल्कि अवतार ने दी धमकी, ग्रेच्युटी दो वरना सूखा ला दूंगा !

स्वामी के वकील मिहिर देसाई (Mihir Desai) ने कहा कि तलोजा जेल अधिकारियों की ओर से लापरवाही हुई, जो जेसुइट पुजारी को तत्काल चिकित्सा प्रदान करने में विफल रहे. स्वामी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में थे.

Last Updated : Jul 5, 2021, 9:53 PM IST
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