बेंगलुरु: कर्नाटक के तुमकुरु जिले के मधुगिरी की एक अदालत ने कार्यकर्ता और क्रांतिकारी कवि वरवरा राव (81) के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. उक्त आदेश के खिलाफ वरवर राव कर्नाटक उच्च न्यायालय पहुंचे.
बता दें कि 10 फरवरी, 2005 को तुमकुरु जिले के पावागड़ा तालुक के वेंकटम्मनहल्ली में माओवादियों ने पुलिस दल पर हमला किया, जिसमें छह पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी. इस पर वरवरा राव और गदर को नक्सलियों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में कर्नाटक की एक निचली अदालत ने तेलुगु कवि वरवरा राव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. इस पर उनके वकील ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर कर वारंट रद्द करने का अनुरोध किया.
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वहीं कवि वरवरा राव ने कहा है कि उन्होंने यह नहीं कहा है कि मैं सुनवाई में शामिल नहीं होऊंगा, मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती कार्यवाही में भाग लेने के लिए तैयार हूं, मुझे भीमा कोरेगांव मामले में चिकित्सा आधार पर सशर्त जमानत दी गई है. उन्होंने कहा कि जमानत की मंजूरी के दौरान एनआईए ने मुझे कोर्ट के दायरे से बाहर नहीं जाने की हिदायत दी थी. इस वजह से मैं मधुगिरी अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सका.
हालांकि, उनका फिलहाल कोर्ट के सामने पेश होना संभव नहीं है. इसलिए राव ने अपनी याचिका में अपील की कि उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द किया जाए और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने की अनुमति दी जाए. इस याचिका पर अभी हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है.