ETV Bharat / bharat

लव जिहाद केस: पीड़िता से मिलीं कविता कृष्णन, गर्भपात को बताया साजिश

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में लव जिहाद कानून की भेंट चढ़ी पिंकी उर्फ मुस्कान जहां ने इस दुनिया में आने वाले अपने बच्चे को खो दिया. नारी निकेतन में पिंकी का गर्भपात होने की सूचना पूरे देश में आग की तरह फैल गई. इस पूरे मामले में सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने अपनी पूरी टीम के साथ पिंकी के ससुराल जाकर उसका हालचाल जाना. इस दौरान उन्होंने कहा कि लव जिहाद कानून प्यार विरोधी है.

Love jihad
लव जिहाद
author img

By

Published : Dec 20, 2020, 9:09 PM IST

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कांठ थाना क्षेत्र के चर्चित लव जिहाद प्रकरण में युवती का नारी निकेतन में गर्भपात होने की सूचना मिलने के बाद सोशल एक्टिविस्ट और ऑल इंडिया प्रोगेसिव वूमेन की सचिव कविता कृष्णन अपनी टीम के साथ दिल्ली से कांठ स्थित पिंकी के घर पहुंची. कविता कृष्णन ने पिंकी की सभी मेडिकल रिपोर्ट भी चेक की और पिंकी को दवाई मुहैया कराई.

इस दौरान उन्होंने कहा कि लव जिहाद कानून प्यार विरोधी कानून है. इस देश में मनुवादी कानून नहीं लागू होगा. अंबेडकर के बनाए संविधान से देश चलेगा.

लव जिहाद कानून प्यार विरोधी

'गर्भपात करवाना एक जघन्य अपराध'
सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन का कहना है कि पुलिस ने किस आधार पर पिंकी और उसके ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई की. पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया, जहां उसका जबरन गर्भपात करा दिया गया. यह एक जघन्य अपराध है. गर्भपात के बाद उसका इलाज नहीं कराया गया और न ही उसे दवाइयां दी गईं. भारत के संविधान में नहीं लिखा है कि किसी अन्य जाति व धर्म में लोग शादी नहीं कर सकते हैं.

'संविधान के अनुसार चलेगा देश'
लव जिहाद मामले में पिंकी, उसके पति और जेठ पर हुई पुलिस कार्रवाई पर सवाल दागते हुए कविता ने कहा कि अगर कार्रवाई करनी थी तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर करते. क्या बजरंग दल के कार्यकर्ता संविधान से बड़े हो गए. संविधान में तो लिखा है कि कोई भी जाति व धर्म का व्यक्ति कहीं भी शादी कर सकता है. ये लोग जब हिन्दू राष्ट्र बना लें तो मनुस्मृति कानून वहां लागू कर सकते हैं. यहां अंबेडकर के द्वारा बनाया गया संविधान लागू होता है.

'गर्भपात एक सोची समझी साजिश'
सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने सवाल किया कि पिंकी जब गर्भवती थी तो उसको जबरन नारी निकेतन क्यों भेजा गया. गर्भवती महिला अगर घर पर रहती तो अच्छा खाती पीती. इसके पीछे एक सोची समझी साजिश थी. पिंकी का गर्भ गिरवा दिया जाए और ऐसा किया जाए कि आगे यह कभी मां न बन पाए.

लव जिहाद कानून के पीड़ितों से की अपील
कविता कृष्णन ने लव जिहाद मामलों के पीड़ितों से कहा कि वे उनसे संपर्क करें. उन्हें न्याय दिलवाया जाएगा. पुलिस और सरकार ने अगर गलत किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई के साथ सजा की अपील करेंगे.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में मुरादाबाद में पुलिस ने एक युवक और उसके भाई को नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया था. युवती का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप पुलिस साबित नहीं कर पाई, जिसके चलते शनिवार को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने युवक और उसके भाई को रिहा कर दिया था.

युवक ने करीब पांच महीने पहले बिजनौर की रहने वाली 22 वर्षीय युवती से शादी की थी. दोनों की मुलाकात देहरादून में हुई थी. वहां युवक काम करता था और युवती पढ़ाई कर रही थी.

पढ़ें- लुधियाना में नव-विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म

मुख्य चिकित्साधिकारी ने किया आरोपों का खंडन
गर्भपात को लेकर मुरादाबाद जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निर्मला पाठक ने कहा, अल्ट्रा सोनोलॉजिस्ट डॉ. आर.पी. मिश्रा ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि भ्रूण दिखाई दे रहा था, लेकिन दिल की धड़कन नहीं थी.

उन्होंने आगे कहा, पहले ही अल्ट्रासाउंड के बाद हमें संदेह था क्योंकि बच्चे की दिल की धड़कन नहीं मिली थी. दूसरे परीक्षण के लिए हमने डॉपलर अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया, लेकिन दिल की धड़कन का पता नहीं चल सका.

मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कांठ थाना क्षेत्र के चर्चित लव जिहाद प्रकरण में युवती का नारी निकेतन में गर्भपात होने की सूचना मिलने के बाद सोशल एक्टिविस्ट और ऑल इंडिया प्रोगेसिव वूमेन की सचिव कविता कृष्णन अपनी टीम के साथ दिल्ली से कांठ स्थित पिंकी के घर पहुंची. कविता कृष्णन ने पिंकी की सभी मेडिकल रिपोर्ट भी चेक की और पिंकी को दवाई मुहैया कराई.

इस दौरान उन्होंने कहा कि लव जिहाद कानून प्यार विरोधी कानून है. इस देश में मनुवादी कानून नहीं लागू होगा. अंबेडकर के बनाए संविधान से देश चलेगा.

लव जिहाद कानून प्यार विरोधी

'गर्भपात करवाना एक जघन्य अपराध'
सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन का कहना है कि पुलिस ने किस आधार पर पिंकी और उसके ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई की. पिंकी को नारी निकेतन भेज दिया, जहां उसका जबरन गर्भपात करा दिया गया. यह एक जघन्य अपराध है. गर्भपात के बाद उसका इलाज नहीं कराया गया और न ही उसे दवाइयां दी गईं. भारत के संविधान में नहीं लिखा है कि किसी अन्य जाति व धर्म में लोग शादी नहीं कर सकते हैं.

'संविधान के अनुसार चलेगा देश'
लव जिहाद मामले में पिंकी, उसके पति और जेठ पर हुई पुलिस कार्रवाई पर सवाल दागते हुए कविता ने कहा कि अगर कार्रवाई करनी थी तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर करते. क्या बजरंग दल के कार्यकर्ता संविधान से बड़े हो गए. संविधान में तो लिखा है कि कोई भी जाति व धर्म का व्यक्ति कहीं भी शादी कर सकता है. ये लोग जब हिन्दू राष्ट्र बना लें तो मनुस्मृति कानून वहां लागू कर सकते हैं. यहां अंबेडकर के द्वारा बनाया गया संविधान लागू होता है.

'गर्भपात एक सोची समझी साजिश'
सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने सवाल किया कि पिंकी जब गर्भवती थी तो उसको जबरन नारी निकेतन क्यों भेजा गया. गर्भवती महिला अगर घर पर रहती तो अच्छा खाती पीती. इसके पीछे एक सोची समझी साजिश थी. पिंकी का गर्भ गिरवा दिया जाए और ऐसा किया जाए कि आगे यह कभी मां न बन पाए.

लव जिहाद कानून के पीड़ितों से की अपील
कविता कृष्णन ने लव जिहाद मामलों के पीड़ितों से कहा कि वे उनसे संपर्क करें. उन्हें न्याय दिलवाया जाएगा. पुलिस और सरकार ने अगर गलत किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई के साथ सजा की अपील करेंगे.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में मुरादाबाद में पुलिस ने एक युवक और उसके भाई को नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया था. युवती का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप पुलिस साबित नहीं कर पाई, जिसके चलते शनिवार को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने युवक और उसके भाई को रिहा कर दिया था.

युवक ने करीब पांच महीने पहले बिजनौर की रहने वाली 22 वर्षीय युवती से शादी की थी. दोनों की मुलाकात देहरादून में हुई थी. वहां युवक काम करता था और युवती पढ़ाई कर रही थी.

पढ़ें- लुधियाना में नव-विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म

मुख्य चिकित्साधिकारी ने किया आरोपों का खंडन
गर्भपात को लेकर मुरादाबाद जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निर्मला पाठक ने कहा, अल्ट्रा सोनोलॉजिस्ट डॉ. आर.पी. मिश्रा ने जो रिपोर्ट दी है, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि भ्रूण दिखाई दे रहा था, लेकिन दिल की धड़कन नहीं थी.

उन्होंने आगे कहा, पहले ही अल्ट्रासाउंड के बाद हमें संदेह था क्योंकि बच्चे की दिल की धड़कन नहीं मिली थी. दूसरे परीक्षण के लिए हमने डॉपलर अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया, लेकिन दिल की धड़कन का पता नहीं चल सका.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.