फिरोजाबाद: जिले में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. 50 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 40 मौतें अकेले शहरी इलाके में हुई हैं. जबकि कई मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई हैं. मौतों का कोई अधिकृत आंकड़ा भी किसी के पास नहीं है.
जिले के ज्यादातर गांव में घर घर चारपाई बिछी हैं. डेंगू महामारी फैलने की शुरुआत शहर से लगे गांव नगला पान सहाय, टापा खुर्द से शुरू हुई थी. इसके बाद बीमारी ने मरघटी जलालपुर, नगला अमान, शेखूपुर, कपावली, दरिगपुर, समेत कई गांव को अपनी चपेट में ले लिया. शहरी इलाकों में भी डेंगू का जबरदस्त प्रकोप देखा जा सकता है. यहां पर एलान नगर, सुदामा नगर, हुमायूंपुर आदि स्थानों पर 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में ज्यादातर बालक शामिल है, जबकि बड़ों की संख्या काफी कम है.
जिले में महामारी बन चुकी डेंगू से जहां बालकों की मौत का सिलसिला जारी है. वहीं फिरोजाबाद में इलाज के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी यहां हालत नहीं सुधरे है. यहां के मेडिकल कॉलेज की जो तस्वीर सामने आई है. वह इलाज के दावों पर सवालिया निशान लगा रही है. दरअसल में मरीजों की बढ़ती संख्या से मेडिकल कॉलेज की गाड़ी इस कदर पटरी से उतरी है कि यहां बैड तक मुहैय्या नहीं है. बेंच पर लिटा कर इलाज दिया जा रहा है. मोबाइल की रोशनी में उन्हें ड्रिप लगाई जा रही है.
डेंगू और वायरल बीमारी से हो रही मौतों की जानकारी जब लखनऊ तक पहुंची तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को खुद फिरोजाबाद पहुंचे. उन्होंने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने कॉलेज में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से बात की. इसके अलावा उन्होंने सुदामा नगर इलाके में डेंगू प्रभावित क्षेत्र को देखा. उन्होंने यह निर्देश दिए थे कि मेडिकल कॉलेज में मेनपावर को बढ़ाया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे का असर भी शुरू हो गया है. सीएम के निर्देश के बाद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाने लगी है. यहां पर 15 नए डॉक्टरों की तैनाती होगी. तीन डॉक्टरों की आमद भी हो चुकी है.
बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज के इस वार्ड की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो सका है. यहां की जो तस्वीर है वह काफी डरावनी है. मरीजों को बेंच लिटाकर इलाज दिया जा रहा है. लाइट का इंतजाम न होने से मोबाइल की रोशनी में इंट्राकैथ लगाए जा रहे हैं. हालांकि सौ शैय्या अस्पताल के प्रभारी डॉ. आलोक शर्मा का कहना है कि एक दम मरीजों की संख्या बढ़ती है और मरीज बेंच पर ही लेट जाते है, इसलिए वहीं पर उपचार देना पड़ता है.
सीएमओ को हटाया गया
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल फीवर रोकने में नाकाम सीएमओ (CMO) नीता कुलश्रेष्ठ (Neeta Kulshrestha) पर कार्रवाई की गई है. 2 दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी फिरोजाबाद का दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने पाया था कि डेंगू रोकने में सीएमओ नाकाम रही हैं. उन्होंने शासन को समय रहते इसकी जानकारी नहीं दी. मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद फिरोजाबाद की सीएमओ डॉक्टर नीता कुलश्रेष्ठ को हटा दिया गया है. डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ को अलीगढ़ के अस्पताल में वरिष्ठ परामर्शदाता नियुक्त किया गया है. वहीं, हापुड़ के एसीएमओ दिनेश कुमार प्रेमी को फिरोजाबाद का सीएमओ बनाया गया है.
वहीं मामले में आगरा मंडल के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त निदेशक ने कहा कि सर्वेक्षण टीमें पहुंच चुकी हैं. ये टीम घरों में जाकर पता करेगी कि किस कारण से इतने मामले आ रहे हैं. प्रथम दृष्टया के अनुसार नाले के किनारे बसे घरों में संक्रमण ज़्यादा है.... उन्होंने कहा कि वहां बच्चों की मृत्यु भी ज़्यादा देखी गई है. खुले इलाकों में जहां नाले ढ़के हैं और जहां बच्चे कपड़े पहनकर रहते हैं वहां ना मृत्यु हुई है और ना ही बीमारी है.
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प्रियंका ने साधा योगी सरकार पर निशाना
उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका ने ट्वीट किया कि 'उप्र में फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा व अन्य कई जगहों पर बुखार से बच्चों समेत 100 लोगों की मौत हो जाने की खबर बहुत ही चिंताजनक है. उप्र सरकार ने अभी भी स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. अस्पतालों का हाल देखिए. ये है आपकी इलाज की 'नंबर 1' सुविधा?