नई दिल्ली : गांबिया और उज्बेकिस्तान में घटिया दवाओं के कारण लोगों की मौत होने या बीमार होने की खबरों के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य प्राधिकारों के साथ मिलकर फार्मा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को यह जानकारी दी. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने खांसी के सीरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए इस साल 22 मई को अधिसूचना जारी की और विनिर्माताओं के लिए उनके उत्पादों का निर्यात करने से पहले किसी सरकारी मान्यताप्राप्त प्रयोगशला से विश्लेषण प्रमाणपत्र प्राप्त करना एक जून से अनिवार्य बना दिया.
पवार ने कहा कि श्रीलंका, गांबिया और उज्बेकिस्तान से मिली खबरों के बाद सीडीएससीओ ने राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ समन्वय में कफ सीरप बनाने वाली इकाइयों में संयुक्त जांच की. उन्होंने कहा कि गांबिया में ऐसे सीरप पीने के बाद बच्चों की मौत की खबरों के बाद सीडीएससीओ ने हरियाणा राज्य औषधि नियंत्रक के साथ मिलकर तथ्यों का पता लगाने के लिए मैडन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की विनिर्माण इकाई में जांच की.
जेनेरिक दवा मुहैया कराने देशभर में 9500 से अधिक केंद्र खोले गए
सभी को सस्ती कीमत पर जेनेरिक दवाएं मुहैया कराने 9500 से अधिक केंद्र खोले गए,लेकिन सभी को सस्ती कीमत पर जेनेरिक दवाएं मुहैया 2014-15 तक देश भर में करीब 80 केंद्र खोले गए थे. इस बारे में लोकसभा में जानकारी देते हुए सरकार ने बताया कि 30 जून 2023 तक पूरे देश में 9,500 से अधिक केंद्र खोले गए हैं.
यह जानकारी केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा राजस्थान से भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी के एक प्रश्न के उत्तर में लिखित जवाब में दी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नवंबर 2008 में देश के हर जिले में कम से कम एक जन औषधि केंद्र खोलने के लक्ष्य के साथ जन औषधि योजना शुरू की गई थी. लगभग 80 2014-15 तक देश में केंद्र खोले गए थे. वहीं 2015-16 के दौरान इस योजना को नया रूप दिया गया और देश में 3,000 केंद्र स्थापित करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के रूप में फिर से लॉन्च किया गया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2017 से 30 जून 2023 तक पूरे देश में 9500 से अधिक केंद्र खोले गए हैं.
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(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)