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कोरोना वैक्सीन की जगह लगा दिया था एंटी रैबीज का टीका, फार्मासिस्ट निलंबित - कोरोना वैक्सीन की जगह लगा दिया था एंटी रैबीज का टीका

यूपी के शामली में कोरोना वैक्सीन की जगह तीन बुजुर्ग महिलाओं को कुत्ते काटने (एंटी रैबीज) का टीका लगाने के मामले में सख्त कार्रवाई हुई है. मामले में सरकारी महकमें के फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया गया है. जबकि फार्मासिस्ट की जगह महिलाओं को टीका लगाने वाले एक प्राइवेट कर्मचारी की सेवा समाप्ति के आदेश भी डीएम ने दिए हैं.

कोरोना वैक्सीन की जगह लगा दिया था एंटी रैबीज का टीका
फार्मासिस्ट निलंबित
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Published : Apr 10, 2021, 4:14 PM IST

शामली: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन जारी है. गुरुवार को शामली में कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी एक गंभीर लापरवाही सामने आई थी, जिसमें तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोरोना का टीका लगाने के बजाय एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया था.

वैक्सीन की जगह कुत्ते काटने का टीका लगने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था. इस मामले में डीएम जसजीत कौर ने जांच के उपरांत सख्त कार्रवाई की है.

डीएम ने की कार्रवाई

प्राइवेट व्यक्ति को काम सौंप गया था फार्मासिस्ट

डीएम शामली जसजीत कौर ने कैराना एसडीएम उद्भव त्रिपाठी तथा एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार को पूरे प्रकरण की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे. जांच में पता चला है कि अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट की जगह जन औषधि केंद्र पर कार्यरत एक प्राइवेट कर्मचारी ने तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगाया था, जिसमें मुख्य लापरवाही सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट की सामने आई है.

यह था पूरा मामला

मामला शामली जिले के कांधला में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर गुरुवार को कांधला के मोहल्ला सरावज्ञान निवासी 70 वर्षीय महिला सरोज बाला, रेलवे मंडी निवासी 72 वर्षीय अनारकली और 62 वर्षीय सत्यवती कोरोना का टीका लगवाने पहुंचीं.

अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद तीनों महिलाओं को घर भेज दिया गया, जहां पर सरोज बाला की अचानक हालत बिगड़ गई. परिजन महिला को एक निजी चिकित्सक के यहां ले गए. चिकित्सक ने सीएचसी से दिया गया पर्चा देखा तो उसपर एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ था. अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे पर भी कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ पाया गया. तीनों महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया करते हुए अधिकारियों से शिकायत की.

इन पर की गई कार्रवाई
डीएम शामली जसजीत कौर ने बताया कि जांच में पाया गया है कि तीन महिलाएं सीएचसी पर कोविड वैक्सीनेशन कराने के लिए गई थीं. वह भूलवश फर्स्ट फ्लोर पर स्थिति वैक्सीनेशन कक्ष में न जाकर जनरल ओपीडी में चली गई.

जांच में पता चला है कि वहां पर मौजूद फार्मासिस्ट नरेश शर्मा किसी कार्य से ड्यूटी छोड़कर निकल गया था. उसके द्वारा बिना किसी की जानकारी में दिए जनऔषधि केंद्र के एक प्राइवेट फार्मासिस्ट ताहिर हुसैन को लोगों को एआरवी देने के लिए बोल दिया गया.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, कोरोना वैक्सीन की जगह लगाया एंटी रैबीज का टीका

उस फार्मासिस्ट ने बिना कोई कागज देखे तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगा दिया. सीएमओ को निर्देशित करते हुए अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. बिजेंद्र सिंह को चेतावनी निर्गत करने और अस्पताल में काम कर रहे जन औषधि केंद्र के प्राइवेट फार्मासिस्ट की सेवा समाप्ति के लिए भी निर्देशित कर दिया गया है.

शामली: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन जारी है. गुरुवार को शामली में कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी एक गंभीर लापरवाही सामने आई थी, जिसमें तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोरोना का टीका लगाने के बजाय एंटी रैबीज का टीका लगा दिया गया था.

वैक्सीन की जगह कुत्ते काटने का टीका लगने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था. इस मामले में डीएम जसजीत कौर ने जांच के उपरांत सख्त कार्रवाई की है.

डीएम ने की कार्रवाई

प्राइवेट व्यक्ति को काम सौंप गया था फार्मासिस्ट

डीएम शामली जसजीत कौर ने कैराना एसडीएम उद्भव त्रिपाठी तथा एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार को पूरे प्रकरण की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे. जांच में पता चला है कि अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट की जगह जन औषधि केंद्र पर कार्यरत एक प्राइवेट कर्मचारी ने तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगाया था, जिसमें मुख्य लापरवाही सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट की सामने आई है.

यह था पूरा मामला

मामला शामली जिले के कांधला में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर गुरुवार को कांधला के मोहल्ला सरावज्ञान निवासी 70 वर्षीय महिला सरोज बाला, रेलवे मंडी निवासी 72 वर्षीय अनारकली और 62 वर्षीय सत्यवती कोरोना का टीका लगवाने पहुंचीं.

अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद तीनों महिलाओं को घर भेज दिया गया, जहां पर सरोज बाला की अचानक हालत बिगड़ गई. परिजन महिला को एक निजी चिकित्सक के यहां ले गए. चिकित्सक ने सीएचसी से दिया गया पर्चा देखा तो उसपर एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ था. अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे पर भी कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ पाया गया. तीनों महिलाओं के परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया करते हुए अधिकारियों से शिकायत की.

इन पर की गई कार्रवाई
डीएम शामली जसजीत कौर ने बताया कि जांच में पाया गया है कि तीन महिलाएं सीएचसी पर कोविड वैक्सीनेशन कराने के लिए गई थीं. वह भूलवश फर्स्ट फ्लोर पर स्थिति वैक्सीनेशन कक्ष में न जाकर जनरल ओपीडी में चली गई.

जांच में पता चला है कि वहां पर मौजूद फार्मासिस्ट नरेश शर्मा किसी कार्य से ड्यूटी छोड़कर निकल गया था. उसके द्वारा बिना किसी की जानकारी में दिए जनऔषधि केंद्र के एक प्राइवेट फार्मासिस्ट ताहिर हुसैन को लोगों को एआरवी देने के लिए बोल दिया गया.

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उस फार्मासिस्ट ने बिना कोई कागज देखे तीनों महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगा दिया. सीएमओ को निर्देशित करते हुए अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. बिजेंद्र सिंह को चेतावनी निर्गत करने और अस्पताल में काम कर रहे जन औषधि केंद्र के प्राइवेट फार्मासिस्ट की सेवा समाप्ति के लिए भी निर्देशित कर दिया गया है.

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