ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में पॉर्न देखने के मामले में सर्विस प्रोवाइडर कर्मचारियों सहित आठ लोगों के नाम सामने आए हैं, इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इस मामले में जीवाजी प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को बचाते हुए इस पूरे मामले की गाज सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारियों पर गिरा दी है, इस मामले में दो महिला सहित चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि एक अतिथि शिक्षक और स्थाई कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को रफा-दफा कर दिया है.
शर्मनाक ! जीवाजी विश्वविद्यालय में कर्मचारियों ने देखी पॉर्न फिल्म
जीवाजी विश्वविद्यालय के कर्मचारी पॉर्न देखने के शौकीन हैं, इसका खुलासा NKN (नेशनल नॉलेज नेटवर्क) ने किया है, NKN ने जीवाजी प्रबंध को बताया है कि विश्वविद्यालय के 8 यूजर ने 7 दिन में 1256 मिनट तक पॉर्न वेबसाइट सर्च की है. इतना ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक पॉर्न वीडियो को देखकर डाउनलोड भी किया गया है. स्कूल से लौटने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों को बुलाकर इस मामले की जांच पड़ताल करने लगी.
जांच के बाद इन कर्मचारियों का हुआ खुलासा
जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस मामले में सभी अधिकारियों को बुलाकर बैठक ली और जिन ID से पॉर्न मूवी देखी गई है, उनकी जांच कराई तो इनमें 8 कर्मचारी दोषी पाए गए हैं, जिनमें 6 सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारी हैं और दो महिलाएं शामिल हैं. साथ ही एक अतिथि शिक्षक और एक स्थाई कर्मचारी भी इस मामले में दोषी पाया गया है.
विश्वविद्यालय ने अपने कर्मचारियों को बचाया
जीवाजी विश्वविद्यालय इस मामले में अपने कर्मचारियों को बचाते हुए पूरी गाज सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारियों पर गिराई है. यही वजह है कि इसमें सर्विस प्रोवाइडर के दो महिला और 6 कर्मचारी शामिल हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि जीवाजी प्रबंधन ने इस मामले में अपने अधिकारियों को बचाया है और आनन-फानन में इस मामले को शांत करने की कोशिश की है.
पॉर्न मूवी देखने के ये कर्मचारी मिले दोषी
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने 8 कर्मचारियों को दोषी पाया है, इसमें सर्विस प्रोवाइडर के चार कर्मचारी कपिल सेन, अनुराग शर्मा और दो महिलाओं को सेवा से पृथक किया गया है, जबकि एक अतिथि शिक्षक वीरेंद्र को कंप्यूटर शाखा से हटा दिया गया है और स्थाई कर्मचारी रिशेष रजक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.