हाथरस: मुंबई जयपुर एक्सप्रेस में आरपीएफ जवान चेतन ने फायरिंग कर चार लोगों की हत्या कर दी. चेतन हाथरस जिले के गांव मीतई का मूल निवासी है. चेतन के ताऊ भगवान सिंह का कहना है कि चेतन इन दिनों मानसिक रूप से बीमार था. वह उल्टी-सीधी ड्यूटी लगाए जाने से बेहद परेशान था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब वह मेंटली डिस्टर्ब था तो उसे इतना बड़ा हथियार नहीं देना चाहिए था.
भगवान सिंह ने कहा कि चेतन ने गलत कदम उठाया है. इस तरह के काम नहीं उठाने चाहिए थे. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे यहां इस प्रवृत्ति की औलाद जाने कहां से पैदा हो गई. चेतन के ताऊ ने यह भी कहा कि अफसरों ने भी यह नहीं देखा कि यह मानसिक रूप से ठीक नहीं है तो उसे हथियार नहीं देना चाहिए था. अधिकारियों को तो पता चल जाता है कि यह डिस्टर्ब चल रहा है तो इतना बड़ा हथियार उसे क्यों दिया.
उन्होंने बताया है कि चेतन के पिता आरपीएफ में रतलाम में नौकरी करते थे. 2007 में उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद 2009 में चेतन को नौकरी मिली थी. चेतन के एक बेटा और एक बेटी है जो अपनी मां के साथ मथुरा में रहते हैं.
बता दें कि सोमवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे जयपुर एक्सप्रेस (12956) के कोच नंबर B-5 में आरपीएफ जवान चेतन और एएसआई तिलकराम दोनों ट्रेन में सफर कर रहे थे तभी कांस्टेबल चेतन ने एएसआई पर अचानक फायरिंग कर दी, जिससे सफर कर रहे यात्रियों में हडकंप मच गया. हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी, जब गांव के लोगों को चेतन की इस करतूत की जानकारी हुई थी तो गांव में लोग समूह में बनाकर इसका जिक्र करते दिखाई दिए.
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