नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार 2020 में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के मामले 2019 की तुलना में लगभग दोगुने हो गए जबकि देश में पिछले साल कोविड-19 महामारी संबंधी प्रतिबंधों की वजह से बाहरी गतिविधियां 'बेहद सीमित' थीं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि देश में 2020 में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के 857 मामले दर्ज किए गए.
वहीं, एनसीआरबी ने जारी किए आंकड़ों में जम्मू कश्मीर घाटी को पर्यटकों के लिए सबसे सुरक्षित जगह बताई है. कश्मीर घाटी को दुनिया में पर्यटकों के लिए सबसे सुरक्षित जगह घोषित करते हुए सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि यहां अपराध एकदम शून्य हैं जबकि भारत के अन्य राज्यों खासकर दिल्ली, कोलकाता, मुंबई में अपराध की दर सबसे अधिक है.
एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो) की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2020 तक पिछले तीन वर्षों के दौरान, जम्मू-कश्मीर में घरेलू या विदेशी पर्यटकों के साथ हिंसा, यौन शोषण या किसी अन्य प्रकार की कोई घटना नहीं हुई है. इसके विपरीत, रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान विभिन्न अपराधों में विदेशी पर्यटकों के खिलाफ 22 मामले दर्ज किए गए हैं.
वहीं, पर्यटन अधिकारियों का कहना है कि एनसीआरबी (NCRB) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट विदेशों के लिए आंखें खोलने वाली है जो कश्मीर के बारे में झूठी अफवाहें फैलाते हैं और अपने नागरिकों को कश्मीर जाने से रोकते हैं. यूरोपीय देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
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उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट इस तथ्य को दर्शाती है कि कश्मीरी दशकों से अपने घरेलू और विदेशी पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार कर रहे हैं जबकि कश्मीर को दुनिया भर में अपने आतिथ्य के लिए माना जाता है और जाना जाता है, लेकिन दुर्भाग्य से अतीत में कई देशों ने अपने नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं. इसे हटाने की जरूरत है ताकि कश्मीर घाटी में पर्यटन क्षेत्र को पटरी पर लाया जा सके.