जयपुर. आज राजस्थान के पीडब्ल्यूडी (PWD) में भ्रष्टाचार और घूसखोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले का पर्दाफाश करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को विभाग के मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता को 10 लाख रुपए की रिश्वत का लेन-देन करते गिरफ्तार किया है. विभागीय नोटिस को फाइल करने की एवज में मुख्य अभियंता अपने घर पर सहायक अभियंता के मार्फत अधिशासी अभियंता से 10 लाख रुपए की घूस ले रहा था.
एसीबी ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. अब इनके आवास और अन्य ठिकानों पर एसीबी ने सर्च अभियान चलाया हुआ है. एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि एसीबी को जानकारी मिली कि पीडब्ल्यूडी के डूंगरपुर अधिशासी अभियंता जितेंद्र कुमार जैन को दिए गए विभागीय नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने और नोटिस को फाइल करने की एवज में मुख्य अभियंता (भवन) सुबोध कुमार मलिक सहायक अभियंता (एनएच) बांसवाड़ा के माध्यम से 10 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा है. इनके बीच रिश्वत की रकम का लेन-देन होने की संभावना है.
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सूचना पुख्ता होने पर ट्रैप की कार्रवाई : इस पर एसीबी जयपुर के डीआईजी रणधीर सिंह के सुपरविजन में एसीबी मुख्यालय द्वारा सूत्र सूचना को विकसित किया गया. इसके बाद एसीबी की जयपुर नगर प्रथम इकाई के एएसपी आलोक शर्मा और विशेष जांच इकाई के एएसपी ललित किशोर शर्मा के निर्देशन और सीआई हेमंत वर्मा के नेतृत्व में आज पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (भवन) सुबोध कुमार मलिक के घर पर ट्रैप की कार्रवाई की गई. टीम ने सुबोध कुमार मलिक के साथ ही अधिशासी अभियंता जितेंद्र कुमार जैन और सहायक अभियंता (एनएच) अनंत कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है. मौके से दस लाख रुपए नकद बरामद किए गए हैं.
आवास व अन्य ठिकानों पर सर्च अभियान : उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों के आवास व अन्य ठिकानों पर एसीबी की टीमें सर्च अभियान में जुटी हैं. जहां घूसखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़े और सबूत मिलने की संभावना है. एसीबी के डीआईजी रणधीर सिंह के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है. एसीबी द्वारा इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.