नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल ने मंगलवार को रिश्वत में मिली नोटों की गड्डी दिखाई और बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पताल में ठेकेदार किस तरह कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों को रखने के एवज में पैसे लेकर बड़ा खेल करते हैं. जानकारी के अनुसार आप विधायक विधानसभा में रिश्वत के कुल 15 लाख रुपये लेकर पहुंचे थे.
दरअसल, रिठाला से आप विधायक महेंद्र गोयल ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों को रखने के एवज में पैसे लेने की बात पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की और इसमें विपक्ष का भी सहयोग मांगा. आप विधायक महेंद्र गोयल ने कहा कि विधानसभा में आज इस मुद्दे को उठाया गया है, क्योंकि उन्हें डर है कि कॉन्ट्रैक्टर माफिया उनके और उनके परिवार को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसपर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने आप विधायक से पूरे मामले में लिखित शिकायत और सबूत देने को कहा है. उन्होंने कहा कि वह इसे विधानसभा की पिटीशन कमेटी को जांच के लिए भेजेंगे.
बता दें कि बुधवार को दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन नियम 280 विशेष उल्लेख के तहत जब विधायक अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रख रहे थे, तब महेंद्र गोयल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रखे जाने और उनके सरगना के काम करने का मुद्दा उठाया.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के ही इस अस्पताल में समय-समय पर साफ-सफाई से लेकर नर्सिंग आदि के काम के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रखे जाते हैं. कुछ समय के बाद जब इनका करार खत्म होता है तो नई कंपनी को यह काम दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिस कंपनी को काम दिया गया, उसने रिश्वत लेकर तमाम पदों के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की. जब इसकी जानकारी उन्हें मिली तो उन्होंने कॉन्ट्रेक्टर से संपर्क किया. इस पर कॉन्ट्रैक्टर ने उन्हें चुप रहने के लिए भी रिश्वत के तौर पर पैसे दिए. इसी पैसे को वह अपने साथ लेकर आज विधानसभा में पहुंचे और सदन की कार्यवाही के दौरान दिखाया.
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उन्होंने कहा कि इस संबंध में दिल्ली पुलिस, उपराज्यपाल को शिकायत दी गई है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूर होकर इस मामले को लेकर यहां आए हैं. उन्होंने मांग की, कि ऐसे कॉन्ट्रैक्टरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. इसपर विधानसभा अध्यक्ष ने आप विधायक से लिखित में पूरे मामले को देने को कहा. साथ ही इस बाबत अभी तक जिन-जिन लोगों से शिकायत की गई है, उनकी कॉपी भी देने की बात कही, ताकि मामला पिटीशन कमेटी को सौंपा जा सके. बता दें कि डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल दिल्ली सरकार का ही अस्पताल है और यहां पर सैकड़ों की तादाद में कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं.
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