नई दिल्ली: दिल्ली में सर्विसेज को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाले अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्यसभा में अपने सभी सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी किया है. आप सांसद सुशील गुप्ता द्वारा जारी किए गए व्हिप में कहा गया है कि वह 31 जुलाई से 4 अगस्त तक सभी सदस्य राज्यसभा में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें.
दरअसल, दिल्ली में गत कुछ महीनों के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की शक्तियों के बंटवारे को लेकर टकराव जारी है. सोमवार को लोकसभा में दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़ा बिल पेश हो सकता है. यह बिल लोकसभा सांसदों को सर्कुलेट हो चुका है. गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में यह बिल पेश कर सकते हैं. उसके बाद बिल राज्यसभा में लाया जाएगा. अध्यादेश पर विपक्षी दलों का समर्थन हालिस करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तमाम विपक्षी दलों से मुलाकात कर उनसे राज्यसभा में बिल के विरोध में वोट करने की अपील की है. प्रमुख विपक्षी दलों सहित कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की बात कही है. ऐसे में इस अध्यादेश पर अब सबकी निगाहें टिकी हुई हैं.
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केंद्र के अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधित ऑर्डिनेंस) 2023 के जरिए केंद्र सरकार ने एक नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी का गठन किया है. दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग और सेवा से जुड़े फैसले अब ऑथोरिटी के जरिए होंगे. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रमुख बनाने की बात कही गई है. लेकिन फैसला बहुमत से होगा.
नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव गृह विभाग के सदस्य होंगे. किसी भी विवाद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला अंतिम होगा. केंद्र के अधीन आने वाले विषयों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में यह अथॉरिटी ग्रुप ए और दिल्ली में सेवा दे रहे दानिक्स अधिकारियों के तबादले नियुक्ति की सिफारिश करेगा, जिस पर अंतिम मुहर उपराज्यपाल की लगाएंगे.
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