बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में रविवार को बिलासपुर साइंस कॉलेज में आप का बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है.इस कार्यक्रम में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान आ रहे हैं. बिलासपुर संभाग में विधानसभा की 24 सीटें आती हैं. लिहाजा आम आदमी पार्टी इन सीटों पर फोकस करना चाहती है. पार्टी इन सीटों के लिए पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं से चर्चा करेगी.
आम आदमी पार्टी तैयारियों में जुटी : आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी साइंस कॉलेज मैदान में व्यवस्था बनाने पिछले एक सप्ताह से जुटे हुए हैं.जिसके लिए आम आदमी पार्टी 24 सीटों के पदाधिकारियों समेत कार्यकर्ताओं को एक जगह लाएगी ताकि केजरीवाल और भगवंत मान के सामने पार्टी की नीतियों को समझाया जा सके. आम आदमी पार्टी बेहतर स्वास्थ्य और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को सर्वोपरि मानती है. आपको बता दें कि इसी के दम पर दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाया है.
''कांग्रेस हो या बीजेपी इस बार चुनाव में दोनों ही पार्टियों की जमानत जब्त होने वाली है.जनता के सामने आम आदमी पार्टी विकल्प के तौर पर सामने आई है.हमारा फोकस सिर्फ बिलासपुर में नहीं है.इससे पहले रायपुर में केजरीवाल जी की सभा हुई.आने वाले दिनों में इसी तरह से कार्यक्रम बनते जाएंगे.'' संजीव झा, प्रदेश प्रभारी, आम आदमी पार्टी, छत्तीसगढ़
बिलासपुर संभाग पर ही फोकस क्यों : आपको बता दें कि बिलासपुर संभाग में 24 सीटें हैं. जिसमें से कांग्रेस के पास 13, बीजेपी के पास 7, बीएसपी और जेसीसीजे के पास 2-2 सीट है. लोकसभा की बात करें तो 11 सीटों में से 4 सीटें इसी संभाग में आती हैं. इसलिए कोई भी दल बिलासपुर संभाग की सीटों पर सबसे पहले फोकस करता है. पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बड़ी रैली को संबोधित किया. इसके बाद अब अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान बिलासपुर में बड़ी रैली को संबोधित करेंगे.
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तीसरा विकल्प बनना चाहती है आप : पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के साथ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने अपनी ताकत दिखाई थी. अजीत जोगी की नई पार्टी को प्रदेश में तीसरी शक्ति के रुप में देखा जा रहा था. लेकिन अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी टूट की कगार पर पहुंच चुकी है. लिहाजा अब आम आदमी पार्टी खुद को तीसरे मोर्चे के तौर पर देख रही है. आम आदमी पार्टी अब दावा कर रही है कि बिना उनकी मदद के कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती.