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उपभोक्ता आयोगों के रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश देने का आग्रह

उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला एवं राज्य उपभोक्ता आयोगों में रिक्तियों को भरने संबंधी विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों को संबंधित प्राधिकारियों ने नजरअंदाज किया है और इन पैनलों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे का अभाव है.

NAT-HN-Plea in SC seeks direction for filling up vacant posts in consumer commissions across India-pti
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Published : Dec 29, 2020, 4:54 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके केंद्र, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है और कहा गया है कि नियुक्तियां करने के संबंध में निष्क्रियता के कारण मामले लंबित हो रहे हैं.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला एवं राज्य उपभोक्ता आयोगों में रिक्तियों को भरने संबंधी विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों को संबंधित प्राधिकारियों ने नजरअंदाज किया है और इन पैनलों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे का अभाव है.

इसमें प्राधिकारियों को यह भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि उपभोक्ता आयोगों में शीघ्र अति शीघ्र उचित बुनियादी ढांचा एवं कर्मी मुहैया कराए जाएं और शीर्ष अदालत में इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट जमा कराई जाए.

वकील ओम प्रकाश परिहार के जरिए दायर याचिका में कहा गया है, 'याचिकाकर्ता यह जनहित याचिका दायर कर रहा है, जिसमें भारत में जिला उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोगों और राज्य उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोगों के अध्यक्षों, सदस्यों एवं कर्मियों की नियुक्ति में सरकार की निष्क्रियता को चुनौती दी गई है.

इसके कारण पूरे भारत में उपभोक्ता मामले लंबित हो रहे हैं, देशभर की सरकारों की निष्क्रियता के कारण न्याय में देरी हो रही है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके केंद्र, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है और कहा गया है कि नियुक्तियां करने के संबंध में निष्क्रियता के कारण मामले लंबित हो रहे हैं.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला एवं राज्य उपभोक्ता आयोगों में रिक्तियों को भरने संबंधी विभिन्न उच्च न्यायालयों के आदेशों को संबंधित प्राधिकारियों ने नजरअंदाज किया है और इन पैनलों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे का अभाव है.

इसमें प्राधिकारियों को यह भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि उपभोक्ता आयोगों में शीघ्र अति शीघ्र उचित बुनियादी ढांचा एवं कर्मी मुहैया कराए जाएं और शीर्ष अदालत में इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट जमा कराई जाए.

वकील ओम प्रकाश परिहार के जरिए दायर याचिका में कहा गया है, 'याचिकाकर्ता यह जनहित याचिका दायर कर रहा है, जिसमें भारत में जिला उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोगों और राज्य उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोगों के अध्यक्षों, सदस्यों एवं कर्मियों की नियुक्ति में सरकार की निष्क्रियता को चुनौती दी गई है.

इसके कारण पूरे भारत में उपभोक्ता मामले लंबित हो रहे हैं, देशभर की सरकारों की निष्क्रियता के कारण न्याय में देरी हो रही है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.

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