उदयपुर. जिले के सायरा थाना क्षेत्र में सोमवार रात को उस वक्त हड़कंप मच गया. जब एक पैंथर मकान में घुस गया. जिस समय पैंथर मकान में घुसा उस समय परिवार के लोग भी घर में ही मौजूद थे. पैंथर सीढ़ियां चढ़कर घर की दूसरी मंजिल पर स्थित रूम में जा घुसा. पैंथर के घर में घुसने की जानकारी के बाद परिवार में अफरा तफरी मच गई, वहीं परिवार के लोगों के चिल्लाने पर बस स्टैंण्ड के आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए. पैंथर लगातार खिड़की के पास आकर गुर्रा रहा था और कई बार उसने झपट्टा मारने की कोशिश भी की. करीब 3 घंटे बाद देर रात को उदयपुर से आई वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर तेंदुए को बाहर निकाला.
सेमड़ गांव के भृगेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी मोहन लाल नागदा के मकान में पैंथर घुस गया था. मकान मालिक मोहनलाल के बेटे राकेश नागदा व उसके दोस्त छत पर गए तो पैंथर दूसरी मंजिल पर बने कमरे में चला गया. तब उन्होंने बांस की लंबी लकड़ी से दरवाजे को बंद कर दिया और बाहर से कुंडी लगा दी. इस दौरान कुछ लोग घर के दूसरे कमरे में थे. रेस्क्यू के बाद पैंथर को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया, जहां उसे इलाज के बाद सुरक्षित छोड़ा जाएगा.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि दरअसल ये कि उदयपुर- रणकपुर मुख्य मार्ग पर बैठा एक पैंथर किसी वाहन की आहट से घबराकर रात में मोहन नागदा के घर में घुस गया. उस समय मोहन लाल कुर्सी पर बैठे हुए थे और पहली मंजिल पर परिवार के लोग कमरे में थे. पैंथर को देखकर मोहनलाल ने हलचल की तो वह पैंथर सामने के कमरे में घुस गया. मोहनलाल के डराने पर पैंथर कमरे से बाहर निकलकर घर से बाहर भागा, लेकिन बाहर से कुछ लोग मोबाइल की टॉर्च जलाकर घर की ओर आ रहे थे. ऐसे में पैंथर वापस घर में घुस गया और सीढ़ियों से होता हुआ पहली मंजिल के कमरे में घुस गया. तब घर के दूसरे सदस्य पहली मंजिल के दूसरे कमरे में बंद हो गए. हालांकि ग्रामीण और वन विभाग की सूझबूझ से पैंथर को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया.
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ग्रामीणों की सूचना पर सायरा क्षेत्र की बोखाडा वन विभाग की टीम व सायरा पुलिस मोके पर पहुंची. वन विभाग की अधिकारी रेंजर जयंतीलाल की सूचना पर उदयपुर सज्जनगढ़ से सीसीएफ की टीम देर रात मौके पर पहुंची और अधिकारी लाल सिंह झाला के नेतृत्व में सूटर डीपी शर्मा ने पैंथर शावक को ट्रेंकुलाइज किया. जिसके बाद वन विभाग की टीम पैंथर को बोखाडा वन विभाग कार्यालय ले गई जहां से उसे उदयपुर सज्जनगढ़ बायोलॉजी पार्क ले जाया जाएगा. जहां डॉक्टरों की देखरेख के बाद उसे सुरक्षित जंगलों में छोड़ा जाएगा.