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कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करती है युवाओं की टीम, उठाते हैं एंबुलेंस का भी खर्च

शहर के कुछ युवाओं की टीम कोरोना से मृत लोगों के शवों को ले जाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस मुहैया कराने का काम कर रही है. इतना ही नहीं ये लोग कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं.

युवाओं की टीम
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Published : Apr 27, 2021, 10:58 PM IST

बेंगलुरु : शहर के कुछ युवाओं की टीम कोरोना से मृत लोगों के शवों को ले जाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस मुहैया कराने का काम कर रही है. इतना ही नहीं ये लोग कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं.

युवाओं के एक समूह ने 'मर्सी एंजेल्स' नाम से एक टीम बनाई है, जो पिछले एक साल से मानव सेवा के क्षेत्र में काम कर रही है. टीम द्वारा श्मशान तक ले जाने के लिए मुफ्त एंबुलेंस सेवा प्रदान की जा रही है. यदि किसी को एंबुलेंस की जरूरत होती है, तो उसके एक फोन करने पर एंबुलेंस उसके यहां न केवल पहुंच जाती है, बल्कि पीपीई किट पहने टीम सदस्य भी साथ होते हैं. कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद से अब तक इनके द्वारा 150 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.

एक रिपोर्ट

पढ़ें - हद हो गई : 10 किमी दूर श्मशान घाट तक जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने मांगे 25 हजार रुपये

साल भर में एक हजार से अधिक शवों का किया अंतिम संस्कार

टीम के द्वारा शहर में एक हजार से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. खास बात यह भी है कि मृतक हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख जिस भी धर्म का होता है उसका उसी धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं. मर्सी एंजेल्स के तनवीर अहमद के नेतृत्व में 40 उत्साही युवाओं की एक टीम है, जो पिछले एक साल से मानवीय कार्यों में लगे हुए हैं.

बेंगलुरु : शहर के कुछ युवाओं की टीम कोरोना से मृत लोगों के शवों को ले जाने के लिए मुफ्त में एंबुलेंस मुहैया कराने का काम कर रही है. इतना ही नहीं ये लोग कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों का अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं.

युवाओं के एक समूह ने 'मर्सी एंजेल्स' नाम से एक टीम बनाई है, जो पिछले एक साल से मानव सेवा के क्षेत्र में काम कर रही है. टीम द्वारा श्मशान तक ले जाने के लिए मुफ्त एंबुलेंस सेवा प्रदान की जा रही है. यदि किसी को एंबुलेंस की जरूरत होती है, तो उसके एक फोन करने पर एंबुलेंस उसके यहां न केवल पहुंच जाती है, बल्कि पीपीई किट पहने टीम सदस्य भी साथ होते हैं. कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद से अब तक इनके द्वारा 150 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.

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साल भर में एक हजार से अधिक शवों का किया अंतिम संस्कार

टीम के द्वारा शहर में एक हजार से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. खास बात यह भी है कि मृतक हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख जिस भी धर्म का होता है उसका उसी धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं. मर्सी एंजेल्स के तनवीर अहमद के नेतृत्व में 40 उत्साही युवाओं की एक टीम है, जो पिछले एक साल से मानवीय कार्यों में लगे हुए हैं.

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