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Remote EVM: रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन करने से एक दिन पहले ही 16 विपक्षी दलों ने किया प्रस्ताव खारिज - चुनाव आयोग

16 जनवरी यानी सोमवार को चुनाव आयोग 30 करोड़ प्रवासी मजदूरों के रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रस्ताव रखने वाली है. लेकिन उसके एक दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.

remote evm
रिमोट ईवीएम
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Published : Jan 15, 2023, 8:54 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस सहित 16 विपक्षी दलों ने रविवार को सर्वसम्मति से 30 करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन शुरू करने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कुछ ही देर बाद कई पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और कहा, 'पार्टियों ने सर्वसम्मति से चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है क्योंकि यह बहुत ही अस्पष्ट है. यह ठोस नहीं है. प्रस्ताव में कई विसंगतियां हैं.

उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा और उनकी संख्या स्पष्ट नहीं है. हमने रिमोट ईवीएम के प्रस्ताव का विरोध करने का मन बना लिया है.' कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में रविवार की बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस, भाकपा, राजद, जद-यू, शिवसेना, झामुमो, राकांपा, आरएसपी, वीसीके, आईयूएमएल, सपा, एमडीएमके, आरएलडी, एनसी और पीडीपी शामिल थे. विपक्ष की बैठक में निर्दलीय राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी शामिल हुए.

कॉन्क्लेव का आयोजन कांग्रेस ने किया था. सपा और राकांपा अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेज सकीं, लेकिन सिंह को अपने विचारों से अवगत कराया था. विपक्ष का यह संयुक्त कदम 16 जनवरी को चुनाव आयोग की बैठक से एक दिन पहले आया है, जहां चुनाव आयोग रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन करेगा. भाकपा के डी राजा ने कहा, 'हम 16 जनवरी की बैठक में शामिल होंगे और ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाएंगे. विपक्ष को विश्वास में लिए बिना चुनाव आयोग इस मुद्दे पर एकतरफा फैसला नहीं कर सकता.'

16 जनवरी की बैठक के बाद, विपक्षी दल 25 जनवरी को फिर से चर्चा करेंगे, जहां वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर लिखित में संयुक्त या व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं को अंतिम रूप देंगे, जैसा कि 31 जनवरी तक चुनाव आयोग चाहता है. दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जैसा कि हमें 31 जनवरी तक लिखित जवाब देने के लिए कहा गया है, हम इस मुद्दे पर एक आम राय को अंतिम रूप देने और चुनाव आयोग को सूचित करने के लिए 25 जनवरी को फिर से मिलेंगे.'

कांग्रेस के दिग्गज नेता के मुताबिक, 'ईवीएम के भरोसे को लेकर असंख्य चिंताएं रही हैं, चाहे वह स्टैंड-अलोन मशीन हो या इंटरनेट से जुड़ी.' सिंह ने कहा, 'फिर चिंता इस बात की है कि ईवीएम के लिए माइक्रोचिप की आपूर्ति करने वाला निर्माता कौन है, जो सॉफ्टवेयर को जला रहा है. इन सभी मुद्दों को विशेषज्ञों और क्रिप्टोग्राफ़रों के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रलेखित किया गया है.' राज्यसभा सदस्य ने आगे कहा कि इससे पहले एक नागरिक समाज के प्रतिनिधिमंडल ने 2 मई, 2022 को ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन पोल पैनल ने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है.

राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने प्रवासी श्रमिकों से जुड़े आंकड़ों में खामियों की ओर इशारा किया. मनोज झा ने कहा, 'चुनाव आयोग ने डेटा का विश्लेषण नहीं किया है. इससे पहले, सरकार ने कहा था कि उसके पास महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों से संबंधित कोई डेटा नहीं है. फिर यह 30 करोड़ का नया आंकड़ा कहां से आ गया. चुनाव आयोग आखिरकार संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है.'

पढ़ें: Rajnath Attacked Congress: भाजपा नीत सरकारों ने मीडिया संस्थानों पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया: राजनाथ सिंह

सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा, 'इस मुद्दे पर हमारे कुछ सवाल हैं. चुनाव आयोग को लोगों को उस प्रक्रिया के बारे में आश्वस्त करना होगा, जिसके माध्यम से 20 करोड़ या 30 करोड़ प्रवासी मतदाताओं को इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा. हम उसी के लिए उनकी तैयारी जानना चाहेंगे.'

नई दिल्ली: कांग्रेस सहित 16 विपक्षी दलों ने रविवार को सर्वसम्मति से 30 करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन शुरू करने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कुछ ही देर बाद कई पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की और कहा, 'पार्टियों ने सर्वसम्मति से चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है क्योंकि यह बहुत ही अस्पष्ट है. यह ठोस नहीं है. प्रस्ताव में कई विसंगतियां हैं.

उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा और उनकी संख्या स्पष्ट नहीं है. हमने रिमोट ईवीएम के प्रस्ताव का विरोध करने का मन बना लिया है.' कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में रविवार की बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस, भाकपा, राजद, जद-यू, शिवसेना, झामुमो, राकांपा, आरएसपी, वीसीके, आईयूएमएल, सपा, एमडीएमके, आरएलडी, एनसी और पीडीपी शामिल थे. विपक्ष की बैठक में निर्दलीय राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी शामिल हुए.

कॉन्क्लेव का आयोजन कांग्रेस ने किया था. सपा और राकांपा अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेज सकीं, लेकिन सिंह को अपने विचारों से अवगत कराया था. विपक्ष का यह संयुक्त कदम 16 जनवरी को चुनाव आयोग की बैठक से एक दिन पहले आया है, जहां चुनाव आयोग रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन करेगा. भाकपा के डी राजा ने कहा, 'हम 16 जनवरी की बैठक में शामिल होंगे और ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाएंगे. विपक्ष को विश्वास में लिए बिना चुनाव आयोग इस मुद्दे पर एकतरफा फैसला नहीं कर सकता.'

16 जनवरी की बैठक के बाद, विपक्षी दल 25 जनवरी को फिर से चर्चा करेंगे, जहां वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर लिखित में संयुक्त या व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं को अंतिम रूप देंगे, जैसा कि 31 जनवरी तक चुनाव आयोग चाहता है. दिग्विजय सिंह ने कहा, 'जैसा कि हमें 31 जनवरी तक लिखित जवाब देने के लिए कहा गया है, हम इस मुद्दे पर एक आम राय को अंतिम रूप देने और चुनाव आयोग को सूचित करने के लिए 25 जनवरी को फिर से मिलेंगे.'

कांग्रेस के दिग्गज नेता के मुताबिक, 'ईवीएम के भरोसे को लेकर असंख्य चिंताएं रही हैं, चाहे वह स्टैंड-अलोन मशीन हो या इंटरनेट से जुड़ी.' सिंह ने कहा, 'फिर चिंता इस बात की है कि ईवीएम के लिए माइक्रोचिप की आपूर्ति करने वाला निर्माता कौन है, जो सॉफ्टवेयर को जला रहा है. इन सभी मुद्दों को विशेषज्ञों और क्रिप्टोग्राफ़रों के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रलेखित किया गया है.' राज्यसभा सदस्य ने आगे कहा कि इससे पहले एक नागरिक समाज के प्रतिनिधिमंडल ने 2 मई, 2022 को ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा था, लेकिन पोल पैनल ने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है.

राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने प्रवासी श्रमिकों से जुड़े आंकड़ों में खामियों की ओर इशारा किया. मनोज झा ने कहा, 'चुनाव आयोग ने डेटा का विश्लेषण नहीं किया है. इससे पहले, सरकार ने कहा था कि उसके पास महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों से संबंधित कोई डेटा नहीं है. फिर यह 30 करोड़ का नया आंकड़ा कहां से आ गया. चुनाव आयोग आखिरकार संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है.'

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सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा, 'इस मुद्दे पर हमारे कुछ सवाल हैं. चुनाव आयोग को लोगों को उस प्रक्रिया के बारे में आश्वस्त करना होगा, जिसके माध्यम से 20 करोड़ या 30 करोड़ प्रवासी मतदाताओं को इस प्रणाली में शामिल किया जाएगा. हम उसी के लिए उनकी तैयारी जानना चाहेंगे.'

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