नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं मई एवं जून माह में तय की गई हैं. हालांकि, इससे पहले सीबीएसई के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में नौवीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. परीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमण के रोकथाम संबंधी सभी उपायों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
पढ़ाई के नुकसान का करना होगा आकलन
सीबीएसई के मुताबिक नौवीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं एग्जाम बाइलॉज के मुताबिक ही करवाई जाएंगी. इसके साथ ही सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों को कोविड-19 के कारण हुई पढ़ाई के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है. सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने एक निर्देश जारी करते हुए कहा कि स्कूलों को कोरोना के कारण हुई पढ़ाई के नुकसान का आकलन और उसके निराकरण का निर्देश दिया गया है.
सीबीएसई बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि पहले विभिन्न स्कूल कोरोना के कारण पढ़ाई के नुकसान का आकलन करेंगे और उसकी भरपाई के तरीके ढूंढेंगे. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सीबीएसई के स्कूल में 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों का फाइनल एग्जाम लिया जाएगा.
एक ब्रिज कोर्स तैयार किया जाए
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक पत्र लिखकर ये बातें कही हैं. पत्र में कहा गया है कि इस प्रक्रिया के जरिए छात्रों की पढ़ाई को हुए नुकसान का पता लगाने में मदद मिलेगी, जिसको दूर करने के लिए स्कूलों द्वारा नए शैक्षणिक सत्र में कदम उठाए जा सकते हैं. मौजूदा समय में स्कूल यह पता लगाएं कि छात्रों को पढ़ाई में किस प्रकार का और कितना नुकसान हुआ है. अगले सत्र में विशेष कोर्स डिजाइन कर इसकी भरपाई की जा सकती है. इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष तौर पर एक ब्रिज कोर्स तैयार किया जा सकता है.
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कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पिछले साल मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन किया गया था. तभी से लगभग 10 महीने तक अधिकांश स्कूल बंद रहे थे. इस दौरान छात्रों ने ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई की है.
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि कक्षाएं और परीक्षाएं आयोजित करने के दौरान कोविड-19 से बचाव संबंधी उपायों का सख्ती से पालन किया जाए. साथ ही स्कूलों से राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है.