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मिसाल : 90 वर्षीय पांडुरंग ने दो बार दी कोरोना को मात, कहा- सकारात्मक सोच जरूरी

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Published : Apr 23, 2021, 9:07 PM IST

महाराष्ट्र में एक जहां तरफ कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों से लोगों में दहशत है. कोरोना की दूसरी लहर में राज्य के अन्य हिस्सों की तरह बीड में भी कोरोना संक्रमण काफी तेज है. वहीं बीड अंतर्गत केज तालुका के अडास गांव के 90 वर्षीय पांडुरंग आत्माराम आगलेव ने दो बार कोरोना को मात दी है. उन्होंने कहा कि सावधानी के साथ सकारात्मक सोच से कोरोना को हराया जा सकता है.

पांडुरंग आत्माराम
पांडुरंग आत्माराम

मुंबई : महाराष्ट्र में एक जहां तरफ कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों से लोगों में दहशत है. कोरोना की दूसरी लहर में राज्य के अन्य हिस्सों की तरह बीड में भी कोरोना संक्रमण काफी तेज है. वहीं बीड अंतर्गत केज तालुका के अडास गांव के 90 वर्षीय पांडुरंग आत्माराम आगलेव ने दो बार कोरोना को मात दी है. वे छह महीने में दो पर कोरोना पॉजिटिव हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, इसके लिए किसी को हताश नहीं होना चाहिए.

पांडुरंग ने बताया कि आत्मविश्वास और बढ़े हुए मनोबल ने उन्हें कोविड से उबरने में मदद की. पांडुरंग सबसे पहले 13 नवंबर 2020 को कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उस समय दीपावली का त्योहार था. उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था. जहां से वह दस दिनों के अंदर ठीक होकर घर आ गए थे.

पढ़ें - कोरोना के इलाज के लिए जायडस कैडिला के विराफिन को मिली मंजूरी

उन्होंने बताया कि 30 मार्च 2021 को कोविड का टीका लगवाया था. लेकिन जब उन्हें सर्दी और खांसी हुई तो बीते 3 अप्रैल को दूसरा कोविड परीक्षण कराया जो पॉजिटिव आया. लेकिन इस बार यह काफी गंभीर था. इससे उनके परिवार के लोग उनके स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित थे. लेकिन वह एक पखवाड़े के बाद इलाज कराने के बाद ठीक होकर घर लौट आए.

पांडुरंग ने लोगों से सकारात्मक रहने की अपील करते हुए कहा कि डर से मरीज की हालत खराब हो जाएगी. 'डरो मत, लड़ो' लेकिन कोविड से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि मास्क पहनने के साथ सार्वजनिक स्थानों पर निश्चित दूरी बनाए रखें. इसके अलावा अपने हाथ धोएं और सरकार के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें. तभी हम कोरोना को हरा सकते हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र में एक जहां तरफ कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों से लोगों में दहशत है. कोरोना की दूसरी लहर में राज्य के अन्य हिस्सों की तरह बीड में भी कोरोना संक्रमण काफी तेज है. वहीं बीड अंतर्गत केज तालुका के अडास गांव के 90 वर्षीय पांडुरंग आत्माराम आगलेव ने दो बार कोरोना को मात दी है. वे छह महीने में दो पर कोरोना पॉजिटिव हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, इसके लिए किसी को हताश नहीं होना चाहिए.

पांडुरंग ने बताया कि आत्मविश्वास और बढ़े हुए मनोबल ने उन्हें कोविड से उबरने में मदद की. पांडुरंग सबसे पहले 13 नवंबर 2020 को कोरोना पॉजिटिव हुए थे. उस समय दीपावली का त्योहार था. उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था. जहां से वह दस दिनों के अंदर ठीक होकर घर आ गए थे.

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उन्होंने बताया कि 30 मार्च 2021 को कोविड का टीका लगवाया था. लेकिन जब उन्हें सर्दी और खांसी हुई तो बीते 3 अप्रैल को दूसरा कोविड परीक्षण कराया जो पॉजिटिव आया. लेकिन इस बार यह काफी गंभीर था. इससे उनके परिवार के लोग उनके स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित थे. लेकिन वह एक पखवाड़े के बाद इलाज कराने के बाद ठीक होकर घर लौट आए.

पांडुरंग ने लोगों से सकारात्मक रहने की अपील करते हुए कहा कि डर से मरीज की हालत खराब हो जाएगी. 'डरो मत, लड़ो' लेकिन कोविड से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि मास्क पहनने के साथ सार्वजनिक स्थानों पर निश्चित दूरी बनाए रखें. इसके अलावा अपने हाथ धोएं और सरकार के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें. तभी हम कोरोना को हरा सकते हैं.

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