कुचामनसिटी. जिले के नावां उपखंड में देश का पहला रेलवे टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण जोरों पर है. 820 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा ये हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक दुनिया का चौथा टेस्टिंग ट्रैक होगा. 60 किलोमीटर वाले इस टेस्टिंग ट्रैक का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. ट्रैक के निर्माण के लिए बाकी काम भी अंतिम चरण में है. ट्रैक के बनने के बाद इस ट्रैक पर हाई स्पीड ट्रेनों की रफ्तार का ट्रायल किया जाएगा.
हाई स्पीड ट्रेनों की रफ्तार का होगा ट्रायल: रेल मंत्रालय की ओर से नागौर के नावां उपखंड में रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है. अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन आरडीएसओ के पर्यवेक्षण में इस ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है. यह ट्रैक गुढ़ा और ठठाना मीठड़ी के बीच बिछाया जा रहा है. ट्रैक की कुल लंबाई 60 किलोमीटर होगी जिसमें से पहले फेज का निर्माण लगभग 25 किलोमीटर का होगा. इस चरण में मेजर ब्रिज का निर्माण 95 फीसदी पूरा हो चुका है. इसके अलावा ट्रैक में 34 छोटे- बड़े ब्रिजों का भी निर्माण करवाया जा रहा है. इसके अलावा इस रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी, जिसमें से गुढ़ा में हाई स्पीड ट्रैक का 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा, जबकि नावां में 3 किलोमीटर का क्विक टेस्टिंग लूप और मिठड़ी में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा.
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हाई स्पीड ट्रेनों के ट्रायल का ट्रैक वाला भारत चौथा देश: इस प्रकार के हाई स्पीड टेस्टिंग ट्रैक अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी में ही हैं. इस ट्रैक के बनने के बाद भारत दुनिया का चौथा देश होगा जिसके पास हाई स्पीड ट्रेनों के ट्रायल का ट्रैक होगा. इस ट्रैक पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई जा सकेंगी. इस ट्रैक पर भारत में चलने वाली हाई स्पीड ट्रेनों के साथ ही वंदे भारत, राजस्थानी शताब्दी सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों का भी ट्रायल किया जाएगा. ट्रैक के निर्माण से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी ट्रैक का निर्माण होने को लेकर खुशी जाहिर की है. देश का पहला टेस्टिंग ट्रैक नावां उपखंड में ही बन रहा है और इससे क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी. इस ट्रैक पर टेस्टिंग ट्रायल होने के बाद ही ट्रेनों को प्रमाण पत्र किया जाएगा,जिसके बाद ही ट्रेनें भारतीय रेलवे के ट्रैक पर दौड़ सकेंगी.