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2020 Delhi riots: दिल्ली दंगे में 9 लोग दोषी करार, कोर्ट ने कहा- एक समुदाय को जानबूझकर किया गया टारगेट - दिल्ली दंगा

दिल्ली की ककड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के एक मामले में 9 लोगों को दोषी करार दिया है. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपियों का उद्देश्य एक समुदाय के व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था.

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Published : Mar 14, 2023, 9:56 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 10:43 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की ककड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में 9 लोगों को दोषी ठहराया है. अदालत ने कहा कि आरोपित व्यक्ति एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय के व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था. यह मामला गोकुलपुरी इलाके में दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ से जुड़ा है. अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.

इनको ठहराया दोषी: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला ने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ ​​शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ ​​छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ ​​राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया. राशिद उर्फ ​​मोनू के खिलाफ दंगा, चोरी, आगजनी कर उपद्रव करने, संपत्तियों को आग लगाकर नष्ट करने और अवैध जमावड़े से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों को धारा 147/148/380/427/436 सहपठित धारा 149 आईपीसी के साथ-साथ धारा 188 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया है.

जज ने कहा कि इस मामले में साक्ष्य के आकलन और आगे के तर्क के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष के संस्करण से आश्वस्त हूं. यह एक अनियंत्रित भीड़, जो सांप्रदायिक भावनाओं से निर्देशित थी और हिंदू समुदाय से संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना उद्देश्य था. विशेष लोक अभियोजक डीके भाटिया ने दिल्ली पुलिस का पक्ष रखा.

दिल्ली दंगे में अलग-अलग जगहों पर 63 लोगों की हुई थी हत्या. (फाइल फोटो)
दिल्ली दंगे में अलग-अलग जगहों पर 63 लोगों की हुई थी हत्या. (फाइल फोटो)

यह था मामला: 29 फरवरी 2020 को रेखा शर्मा की लिखित शिकायत पर गोकलपुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 24 फरवरी 2020 को दोपहर करीब 1 से 2 बजे जब वह चमन पार्क, शिव विहार तिराहा रोड, दिल्ली स्थित अपने घर पर मौजूद थी, तो उसकी गली में पथराव हुआ. गली में एक भीड़ थी, जो उसके घर का गेट तोड़ने की कोशिश कर रही थी. अपने पति को फोन किया, जो ड्यूटी पर थे. पति घर लौट आए और सुरक्षित स्थान पर ले गए. आरोप है कि 24-25 फरवरी की रात भीड़ ने घर के पिछले गेट को तोड़ दिया और सामान लूट लिया. घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और ऊपरी मंजिल पर कमरे में आग लगा दी.

दंगे के दौरान करीब एक महीने तक भारी फोर्स बल किया गया था तैनात. (फाइल फोटो)
दंगे के दौरान करीब एक महीने तक भारी फोर्स बल किया गया था तैनात. (फाइल फोटो)

सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की हुई थी पहचान: आगे की जांच के दौरान, सीसीटीवी कैमरों, सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज और सार्वजनिक गवाहों की मदद से अपराध में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास किया गया. जांच अधिकारी (IO) को पता चला कि आरोपी व्यक्ति वर्तमान मामले की घटना में शामिल थे, जैसे मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद.

ये भी पढ़ें: Ground Report: वसंत कुंज में कुत्तों ने जहां दो भाइयों को मार डाला था, वहां लोगों के घरों में नहीं है शौचालय

नई दिल्ली: दिल्ली की ककड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में 9 लोगों को दोषी ठहराया है. अदालत ने कहा कि आरोपित व्यक्ति एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय के व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था. यह मामला गोकुलपुरी इलाके में दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ से जुड़ा है. अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.

इनको ठहराया दोषी: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला ने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ ​​शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ ​​छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ ​​राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया. राशिद उर्फ ​​मोनू के खिलाफ दंगा, चोरी, आगजनी कर उपद्रव करने, संपत्तियों को आग लगाकर नष्ट करने और अवैध जमावड़े से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों को धारा 147/148/380/427/436 सहपठित धारा 149 आईपीसी के साथ-साथ धारा 188 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया है.

जज ने कहा कि इस मामले में साक्ष्य के आकलन और आगे के तर्क के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष के संस्करण से आश्वस्त हूं. यह एक अनियंत्रित भीड़, जो सांप्रदायिक भावनाओं से निर्देशित थी और हिंदू समुदाय से संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना उद्देश्य था. विशेष लोक अभियोजक डीके भाटिया ने दिल्ली पुलिस का पक्ष रखा.

दिल्ली दंगे में अलग-अलग जगहों पर 63 लोगों की हुई थी हत्या. (फाइल फोटो)
दिल्ली दंगे में अलग-अलग जगहों पर 63 लोगों की हुई थी हत्या. (फाइल फोटो)

यह था मामला: 29 फरवरी 2020 को रेखा शर्मा की लिखित शिकायत पर गोकलपुरी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 24 फरवरी 2020 को दोपहर करीब 1 से 2 बजे जब वह चमन पार्क, शिव विहार तिराहा रोड, दिल्ली स्थित अपने घर पर मौजूद थी, तो उसकी गली में पथराव हुआ. गली में एक भीड़ थी, जो उसके घर का गेट तोड़ने की कोशिश कर रही थी. अपने पति को फोन किया, जो ड्यूटी पर थे. पति घर लौट आए और सुरक्षित स्थान पर ले गए. आरोप है कि 24-25 फरवरी की रात भीड़ ने घर के पिछले गेट को तोड़ दिया और सामान लूट लिया. घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और ऊपरी मंजिल पर कमरे में आग लगा दी.

दंगे के दौरान करीब एक महीने तक भारी फोर्स बल किया गया था तैनात. (फाइल फोटो)
दंगे के दौरान करीब एक महीने तक भारी फोर्स बल किया गया था तैनात. (फाइल फोटो)

सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की हुई थी पहचान: आगे की जांच के दौरान, सीसीटीवी कैमरों, सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज और सार्वजनिक गवाहों की मदद से अपराध में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास किया गया. जांच अधिकारी (IO) को पता चला कि आरोपी व्यक्ति वर्तमान मामले की घटना में शामिल थे, जैसे मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद.

ये भी पढ़ें: Ground Report: वसंत कुंज में कुत्तों ने जहां दो भाइयों को मार डाला था, वहां लोगों के घरों में नहीं है शौचालय

Last Updated : Mar 14, 2023, 10:43 PM IST
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