अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 812वां सालाना उर्स 12 या 13 जनवरी से आयोजित होगा. 7 जनवरी को उर्स से पहले दरगाह की सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर झंडा पेश किया जाएगा. उर्स के दौरान पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से करीब 315 जायरीन दरगाह जियारत के लिए आएंगे. खुफिया विभाग के पास पाकिस्तानी जायरीन के आगामी माह में अजमेर आने की सूचना मिल गई है. हालांकि अभी पाक जायरीन के आने की तारीख तय नहीं हुई है.
अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में इस बार के सालाना उर्स की प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. वहीं दरगाह कमेटी की ओर से भी व्यवस्थाओं के संदर्भ में भी तैयारियां की जारी हैं. इधर अंजुमन कमेटी और उससे जुड़े खादिम सदस्यों ने भी देश-विदेश में रहने वाले आशिकाने ख्वाजा को उर्स के मौके पर आने के लिए निमंत्रण चिट्ठी भेजना शुरू कर दिया है. इस खास मौके पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी 315 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था आने वाला है. हर बार की तरह पाकिस्तानी जायरीन की सुरक्षा और उनके रहने खाने-पीने के इंतजाम को लेकर भी संबंधित सरकारी एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं.
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गत वर्ष आए थे 240 पाक जायरीन: गत वर्ष 811वें सालाना उर्स के में पाकिस्तान से 240 जायरीन का जत्था अजमेर आया था. उनके साथ पाकिस्तान एंबेसी के दो अधिकारी भी मौजूद थे. इन जायरीन की कड़ी सुरक्षा की गई थी. प्रत्येक चार जायरीन के साथ दो पुलिस के जवान थे, जो दरगाह आते-जाते उनके साथ मौजूद थे. अजमेर पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स पर पाकिस्तान से जायरीन आते रहे हैं. इस बार भी पाक जायरीन आएंगे. उनकी जांच कर नियम के अनुसार सुरक्षा दी जाएगी.
पाक हुकूमत और अवाम की ओर से पेश करते हैं चादर: पाकिस्तान से आने वाले जायरीन अपने साथ पाकिस्तान की हुकूमत और अवाम की ओर से चादर लेकर आते हैं. इसे यहां ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में अकीदत के साथ पेश किया जााता है. मुल्क में अमन-चैन, खुशहाली के साथ ही भारत-पाकिस्तान के बेहतर रिश्तों की भी पाक जायरीन दुआएं करते हैं. वापसी में पाकिस्तानी जायरीन खरीदारी भी करते हैं.