मेंगलुरु (कर्नाटक): मेंगलुरु के एक मंदिर में एक बुजुर्ग महिला ने भीख मांगकर कमाए एक लाख रुपयों का दान कर (Elderly woman donated 1 lakh rupees to the temple) एक मिसाल कायम की है. उडुपी जिले के कुंडापुर तालुक की एक 80 वर्षीय महिला अश्वत्थामा ने यह अनुकरणीय कार्य किया. अश्वत्थामा अब तक विभिन्न मंदिरों को करीब 9 लाख रुपये दान कर चुकी हैं.
सोमवार को वह मंगलुरु के बाहरी इलाके मुल्की में बप्पनडु श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर पहुंची और मंदिर के अन्नदान (भोजन दान) के लिए 1 लाख रुपये का दान दिया. दान स्वीकार करने के बाद मंदिर के पुजारी नरसिंह भट ने अश्वत्थामा को प्रसाद दिया. मंदिर की ओर से प्रशासनिक मुक्तेसर मनोहर शेट्टी ने उन्हें सम्मानित किया. इस दौरान पुजारी प्रसाद भट्ट, लेखाकार शिवशंकर वर्मा, कार्तिक कोट्यान आदि उपस्थित थे.
कई वर्षों से वह मंदिरों और टोलगेट सहित विभिन्न स्थानों पर भीख मांगकर एकत्र किए गए धन को मंदिरों में दान के रूप में देने के लिए बचा रही है. 18 साल पहले पति की मौत के बाद उन्हें भीख मांगने को मजबूर होना पड़ा. बाद में दो बच्चों की मौत उनके लिए एक और बड़ा झटका था. कुछ साल पहले, अपने पति और बच्चों की मृत्यु के बाद, वह जीवन से निराश हो गई और सालिग्राम गुरु नरसिंह मंदिर के पास भीख मांगने लगी और मंदिर की अनुमति से वहीं रहने लगी.
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उन्होंने पहली बार सालिग्राम के गुरु नरसिंह मंदिर को पैसे दान किए. इसके बाद वह कई मंदिरों के लिए पैसे दान कर चुकी हैं. कोविड के दौरान अश्वत्थामा अयप्पा माला के साथ सबरीमलाई गई और वहां अन्नदान के लिए 1.5 लाख रुपये का दान दिया. उसके बाद उन्होंने गंगोली मंदिर को 1 लाख रुपये, कंचुगोडु कुंडापुर मंदिर को 1 लाख रुपये, पोलाली श्री राजराजेश्वरी मंदिर के अन्नदान को 1 लाख रुपये और पोलाली के अखिलेश्वरी मंदिर को 1 लाख रुपये का दान दिया. अश्वत्थामा खुद पर पैसा खर्च नहीं करतीं, बल्कि मंदिर से केवल भोजन प्रसाद लेती हैं.