लुधियाना: 8 साल के स्केटिंग चैंपियन लुधियाना के प्रणब चौहान अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए उनके पिता ने 5 लाख रुपये का कर्ज लिया है. उन्होंने पिछले 5 महीने से अभ्यास करना बंद कर दिया था क्योंकि घर का खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो गया था.
प्रणव चौहान पहले ही कई रिकॉर्ड स्थापित कर चुके हैं. उन्होंने बिना रुके 16 किमी आंखों पर पट्टी बांधकर स्केटिंग की, इसके अलावा उन्होंने लेमन स्केटिंग, बैक स्केटिंग में विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं.
मजबूरी से छूटा खेल: दरअसल प्रणब एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं और वे लुधियाना में किराए के मकान में रहते हैं. यह 6 महीने से बंद था. इसके बाद प्रणव ने फिर से खेल शुरू करने पर जोर दिया और अब उसके पिता से 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन लेकर वह अपने बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग देकर प्रतियोगिताओं में भेज सकते हैं.
तत्कालीन सरकारों ने की अनदेखी : प्रणब महज 8 साल के हैं और उन्होंने दो विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं, फिर भी उस समय की सरकारों ने उनकी उपेक्षा की थी. कभी वह वाहन के नीचे से बाहर आ जाता है तो कभी आंखों पर पट्टी बांधकर स्केटिंग करता है, लेकिन इसके बावजूद जिला खेल प्राधिकरण ने उसकी मदद नहीं की.
नो कोच: प्रणब चौहान ने अब तक जो भी उपलब्धियां हासिल की हैं, उनके पिता और कुछ अन्य लोगों ने उनकी मदद जरूर की है. लेकिन, उन्हें आज तक ऐसा कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोच नहीं मिला. लेकिन अब व्यक्तिगत रूप से उन्होंने एक कोच के साथ प्रशिक्षण शुरू कर दिया है, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करेंगे और वे एक साल के प्रशिक्षण के लिए 5 लाख खर्च करेंगे. इसमें ब्रांडेड स्केट्स, उनके आहार कोच शुल्क आदि शामिल हैं.
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स्केटिंग का शौक: लुधियाना के प्रणव को शुरू से ही स्केटिंग का शौक है. उन्होंने 3 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था. 4 साल की उम्र में उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया था. जिसके बाद उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए. प्रणव को खुद स्केटिंग का शौक है. उन्होंने कहा कि वह अब विश्व स्तरीय रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं. वह 4 घंटे अभ्यास करते हैं और तीसरी कक्षा के छात्र भी हैं, लेकिन आज तक उन्हें प्रशासन या सरकार द्वारा किसी भी तरह से सहयोग नहीं मिला.