देहरादून: उत्तराखंड में सामाजिक दृष्टिकोण से महिलाओं को विशेष स्थान दिया जाता है. वहीं, अब राजनीतिक पृष्ठभूमि में भी महिलाएं सशक्तीकरण की ओर बढ़ रही हैं. उत्तराखंड विधानसभा सदन में पहली बार 8 महिला विधायक चुन कर आई हैं. जिसमें से 6 महिलाएं भाजपा सिंबल पर चुनाव जीतीं हैं. कांग्रेस के सिंबल पर भी दो महिला प्रत्याशी जीती हैं. महिला प्रत्याशियों के अच्छे प्रदर्शन का ही नतीजा है की अब भाजपा महिला मोर्चा ने महिला मुख्यमंत्री बनाने की मांग तेज कर दी है. जिसके लिए ऋतु खंडूड़ी के नाम को बड़े जोर शोर से आगे बढ़ाया जा रहा है. बात 2002 से 2022 तक की करें तो हर बार महिला विधायकों के विधानसभा पहुंचने की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 में 632 प्रत्याशी चुनावी रण में थे. इसमें 63 महिला प्रत्याशी भी मैदान में थीं. जिसमें भाजपा और कांग्रेस की बात करें तो इस बार भाजपा ने 8 और कांग्रेस ने पांच महिलाओं को मैदान में उतारा था. जिसमें भाजपा की 6 और कांग्रेस की दो महिला प्रत्याशियों ने जनादेश हासिल किया. साथ ही भाजपा की दो और कांग्रेस की तीन महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा.
भाजपा की बात करें, तो कोटद्वार से ऋतु खंडूड़ी, यमकेश्वर से रेणु बिष्ट, देहरादून कैंट से सविता कपूर, केदारनाथ से शैलारानी रावत, सोमेश्वर से रेखा आर्य और नैनीताल से सरिता आर्य विधानसभा पहुंचीं. कांग्रेस की ओर से हरिद्वार ग्रामीण से अनुपमा रावत और भगवानपुर से ममता राकेश ने जीत दर्ज की है.
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पौड़ी जिले की यमकेश्वर सीट की बात करें तो यहां पर 2002 से 2022 तक महिला विधायक ही रही हैं. जिसमें विजया बड़थ्वाल, ऋतु खंडूड़ी और अब रेणु बिष्ट शामिल हैं. साथ ही देहरादून की किसी विधानसभा सीट से आजादी के बाद से अब तक पहली बार देहरादून कैंट से सविता कपूर विधायक बनी हैं. वहींं, पांच विधानसभा चुनाव में अब तक 26 महिला विधायक विधानसभा पहुंची हैं.
जिसमें 2002 में 4, 2007 में 4, 2012 में 5, 2017 में 5 और 2022 में 8 विधायक चुनी गई. उत्तराखंड में 2002 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 72 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थीं. 2007 में 56, 2012 में 63 और 2017 में 62 और 2022 में 63 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं.