रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ जिले में ठगों ने अब सरकारी खाते को अपना निशाना बनाया है. ठगों ने रायपुर और बेगूसराय से फर्जी चेक लगाकर रामगढ़ के बीडीओ के खाते से ₹ 78 लाख उड़ा लिए. ये राशि सुभाष काले और बापी तिवारी नाम के व्यक्ति की ओर से निकाले गए. ये पैसे बैंक ऑफ बड़ौदा के सरकारी खाते में इंदिरा आवास और उसके इंटरेस्ट की राशि जमा थी. मामले का पता तब चला, जब तीसरी बार गुवाहाटी से इसी खाते से ₹ 18 लाख निकालने के लिए चेक लगाया गया. इस पर जांच की गई तो हड़कंप मच गई, जिसके बाद बुधवार देर रात रामगढ़ थाने में शिकायत दी गई.
दरअसल, रामगढ़ जिले में प्रखंड कार्यालय यानी प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा में सरकारी खाता संचालित है. इसमें इंदिरा आवास और उसके इंटरेस्ट की राशि जमा है, इसमें से 29 जनवरी को ₹ 78 लाख की अवैध निकासी हुई. यह निकासी सुभाष काले और बापी तिवारी नामक व्यक्ति ने रायपुर और बेगूसराय में चेक डाल कर की थी. पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब तीन फरवरी को दोबारा गुवाहाटी में ₹ 18 लाख इसी खाते से निकालने के लिए चेक लगाए गए. जब चेक क्लियर होने के लिए पहुंचा, तो शक होने पर पूरे मामले की इंक्वायरी की गई, जिसके बाद बुधवार को यह पूरा मामला सामने आया. जैसे ही यह मामला सामने आया प्रखंड कार्यालय से लेकर पूरे जिले में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में रात दो बजे रामगढ़ थाने में प्रखंड विकास पदाधिकारी ऐनी रिंकी कुजूर ने आवेदन दिया, जिसमें लिखा कि दो बार में लगभग ₹ 78 लाख सात हजार की निकासी अवैध रूप से की गई है. हालांकि, अब तक इस पूरे मामले में एफआईआर नहीं दर्ज की गई है. अभी पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है.
अफसरों से की जा रही पूछताछ
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी कीर्तिश्री ने रामगढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी, रामगढ़ अंचल के पदाधिकारी साथ ही साथ बैंक के सीनियर लीगल मैनेजर, सीनियर मैनेजर और बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर को बुलाकर इस पूरे मामले की जानकारी ली गई. अनुमंडल पदाधिकारी ने अफसरों से पूछा कि कैसे इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया है. अब तक इस पूरे मामले में अधिक तथ्य सामने नहीं आए हैं. रामगढ़ अनुमंडल पदाधिकारी कीर्ति श्री ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी होने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी की ओर से रामगढ़ थाने में मामला दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है. हर बिंदु पर मामले की तहकीकात अपने स्तर से भी कर रहे हैं. एक-दो दिनों में पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दे दी जाएगी.
फर्जी चेक से निकासी की आशंकाः लीगल मैनेजर
फर्जी निकासी से जुड़े मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की रामगढ़ शाखा के मैनेजर ने फिलहाल पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया. हालांकि, जोनल कार्यालय से पहुंची लीगल मैनेजर प्रीति ने बताया कि यह निकासी चेक के माध्यम से की गई है, जिस चेक का जिक्र एफआईआर में किया गया है. वह चेक प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में मौजूद है. इससे यह लगता है कि फर्जी चेक और फर्जी सिग्नेचर कर राशि की निकासी की गई है. पूरे मामले को देखते हुए जिन दो जगह से निकासी की गई है, वहां के बैंक मैनेजर को निर्देश दिया गया है और वहां पर उन दोनों चेक जमा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. यह मामला प्रक्रियाधीन है. इस मामले में किसकी मिलीभगत है, जब इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया, कहा कि बैंक मैनेजर छुट्टी पर थे.
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मिलीभगत की जांच होगी
प्रखंड विकास पदाधिकारी ऐनी रिंकी कुजूर ने कहा, मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद पूरे मामले की तहकीकात की गई और अवैध रूप से निकासी को बताया गया. विभाग के खाते से कुल ₹ 78 लाख की निकासी की गई है. विभाग का अपना चेक कार्यालय में सुरक्षित है, जिसके बाद वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर रामगढ़ थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया है. किसकी मिलीभगत है यह जांच का विषय है.
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कब-कब हुई राशि की निकासी
29 जनवरी को दो चेक क्लियर हुए. पहली बार में ₹ 35 लाख का और दूसरी बार में ₹ 35 लाख 21 हजार का चेक छत्तीसगढ़ के रायपुर से सुभाष काले नाम के व्यक्ति ने बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच में लगाया था. फिर से बेगूसराय से दो फरवरी को चेक लगाया. इस तरह ₹ 78 लाख का चेक क्लियर हो गया, इसके बाद तीन फरवरी को ₹ 18 लाख 75 हजार का चेक गुवाहाटी से वापी तिवारी नाम के व्यक्ति ने बैंक ऑफ बड़ौदा में लगाया. इसके बाद बैंक मैनेजर की ओर से जांच पड़ताल की गई. इस पर मामले का खुलासा हुआ.