बंटवाला : कर्नाटक के तालुक के भंडारीबेट्टू (Bhandaribettu) व्यायामशाला में 72 वर्षीय लक्ष्मी युवाओं की प्रेरणा बन गईं. लक्ष्मी को देख उस वक्त सब हैरान रह गए, जब वृद्ध महिला तुलू भाषा की लिखित परीक्षा देने केंद्र पहुंचीं.
72 वर्षीय लक्ष्मी के इस कदम से जहां युवाओं में सीखने की ललक बढ़ी हैं. वहीं, युवाओं के लिए लक्ष्मी एक ऐसा उदाहरण साबित हो रहीं हैं, जिसमें उम्र की सीमा से परे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है.
पढ़ें- पीएम मोदी का लोगों से आग्रह, 'मन की बात' के लिए विचार साझा करें
तुलु लिपि के लिए परीक्षा 14 मार्च (रविवार) को कर्नाटक के तुलू साहित्य अकादमी, जय तुलू संगठन और युवजन व्यायमशाल भंडारीबेट्टू (Bhandaribettu) के संयुक्त सभागृह में आयोजित की गई थी.
तालुक के सजीपामुनूर (Sajipamunnur) में आयोजित तुलू भाषा की लिखित परिक्षा देने पहुंचीं 72 वर्षीय एन बी लक्ष्मी, एक सेवानिवृत्त शिक्षक और पणमंगलुरु (Panemangaluru) की निवासी हैं.
बता दें कि उपरोक्त तीनों संगठनों के तहत आयोजित तुलू लिपि प्रशिक्षण कार्यशाला नि:शुल्क आयोजित की गई थी. चार सप्ताह चली तुलू लिपी की कक्षाएं पूरी होने के बाद रविवार को इसकी परीक्षा आयोजित की गई थी.
पढ़ें- उत्तराखंड में लॉकडाउन : मसूरी के ये इलाक कंटेनमेंट जोन घोषित
वहीं, लक्ष्मी ने भी इस विषय में ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त किया था, जिसके बाद वे रविवार को परीक्षा देने पहुंची थीं.
इस परीक्षा में केडीला (Kedila) से 28, पेरने Perne से 25 और भंडारीबेट्टू (Bhandaribettu) से 30 छात्र प्रशिक्षण के बाद परीक्षा देने पहुंचे थे. वहीं, तुलू लिपि का प्रशिक्षण दे रहीं शिक्षिका पूर्णिमा बंटवाल ने लक्ष्मी की सराहना करते हुए कहा, वे युवाओं के लिए प्रेरणा हैं और तुलू लिपि प्रशिक्षण की समर्थक भी हैं.