नई दिल्ली: इस मानसून सीजन में अब तक पूरे भारत में 716 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें बिहार, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में हुई हैं. प्राकृतिक आपदाओं से सावधान, गृह मंत्रालय ने 27 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 111 कंपनियों की प्रतिनियुक्ति की है.
गुरुवार को एनडीआरएफ की पांच कंपनियों को असम में तैनात किया गया है. जम्मू-कश्मीर में 12 एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है. उत्तराखंड में सात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में छह-छह, राजस्थान में पांच, ओडिशा, नई दिल्ली, झारखंड और बिहार में चार-चार टीमों को तैनात किया गया है. त्रिपुरा, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात में तीन-तीन टीमें तैनात की गई हैं.
नागालैंड, मध्य प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश और बिहार में एनडीआरएफ की दो-दो टीमें तैनात की गई हैं. तेलंगाना, तमिलनाडु, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप में एक-एक टीम तैनात की गई है.
गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सबसे अधिक 394 मौतें दर्ज की गईं, उसके बाद हिमाचल प्रदेश में 116 और कर्नाटक में 67 मौतें हुईं.
बिहार में सभी 394 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है, जबकि हिमाचल प्रदेश में डूबने से 26 और भूस्खलन में 5 लोगों की मौत हो गई. कर्नाटक में इस मानसून के दौरान डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई और बिजली गिरने से 49 लोगों की मौत हो गई और अन्य घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई.
आपदा प्रबंधन प्रभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत भर के विभिन्न राज्यों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण 28,526 घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक असम, बिहार, कर्नाटक और सिक्किम समेत पांच राज्यों में 16703.64347 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचा है.
असम का जिक्र करते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्य के बक्सा जिले में रेड वार्निंग (अत्यधिक बाढ़ की स्थिति) जारी की गई है क्योंकि पुथिमारी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि असम के नलबाड़ी, बारपेटा और कामरूप जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि वहां भी नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.
पिछले साल बाढ़ और भारी बारिश के कारण 229,000 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई थी और 135,000 घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. पिछले साल असम, बिहार और उत्तर प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्य थे, जहां भारी बारिश, तूफान, बिजली, बाढ़ और भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी.