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चाइनीज माइकोप्लाज्मा निमोनिया के भारत में मिले 7 मरीज, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- यहां चीन वाले सिम्टम्स नहीं - दिल्ली की ताजा खबरें

Chinese mycoplasma pneumonia: चीन के माइकोप्लाज्मा निमोनिया के केस भारत में भी है. एम्स दिल्ली को अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच 7 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं. वहीं, एम्स डॉ. का कहना है कि 'चीनी निमोनिया' से भारत को खतरा नहीं है. फिर भी बच्चों और बुजुर्गों की खांसी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 7, 2023, 3:29 PM IST

Updated : Dec 7, 2023, 10:11 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद चीन में अब एक बार फिर हाहाकार मचा हुआ है. यहां रहस्यमयी निमोनिया कहे जा रहे इन्फ्लूएंजा ए वायरस के सब-टाइप एच9एन 2 का कहर देखने को मिल रहा है. चिंता की बात है कि चीन के बाद अब भारत में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इसको लेकर एम्स डॉक्टर का कहना है कि चीन की स्थिति से भारत की तुलना करना ठीक नहीं है.

कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र सिंह मल्हि बताते हैं कि एम्स हर खतरे को लेकर तैयार है. जहां तक माइकोप्लाज्मा निमोनिया की बात है तो इससे उन्हें कोई विशेष खतरा नजर नहीं आता है. उन्होंने कहा कि चीन के माइकोप्लाज्मा निमोनिया के केस भारत में भी है. भारत में अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच दिल्ली में 7 मामले देखने को मिले थे. चीन के 'निमोनिया' से भारत को खतरा नहीं है. फिर भी बच्चों और बुजुर्गों की खांसी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

वहीं, भारत सरकार ने मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि चीन में निमोनिया के मामलों में हालिया वृद्धि से जुड़े एम्स दिल्ली में बैक्टीरिया के मामलों का पता लगाने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टें भ्रामक और गलत हैं. माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय-अधिग्रहित निमोनिया का सबसे आम जीवाणु कारण है. एम्स दिल्ली में निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में श्वसन संक्रमण में हालिया वृद्धि से कोई संबंध नहीं है.

  • Media reports claiming detection of bacterial cases in AIIMS Delhi linked to the recent surge in Pneumonia cases in China are misleading and inaccurate. Mycoplasma pneumonia is the commonest bacterial cause of community-acquired pneumonia. Pneumonia Cases in AIIMS Delhi have no… pic.twitter.com/rZkpgPEwv1

    — ANI (@ANI) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने माइकोप्लाज्मा निमोनिया की पहचान की. लैंसेट माइक्रोब जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स दिल्ली ने अप्रैल और सितंबर 2023 के बीच एकत्र किए गए सात नमूनों में इस बैक्टीरिया का पता लगाया, जो 'वॉकिंग निमोनिया' का कारण बनता है. अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, लक्षणों में खांसी, बुखार, सीने में दर्द, हल्की ठंड लगना और सिरदर्द शामिल है. भारत के अलावा डेनमार्क और नीदरलैंड में भी इस निमोनिया के मामले सामने आ चुके हैं.

चीनी निमोनिया से भारत को खतरा नहीं: चीन में बच्चों में एच1एन2 मामलों के प्रकोप और श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है. बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. वैक्सीन इंडिया के हेड डॉ. अजय बताते हैं कि निमोनिया के सामान्य लक्षणों में बलगम और बिना बलगम के साथ होने वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में दिक्कत होना शामिल है. चीन में फैले इस रहस्यमयी निमोनिया की बात करें तो इसके लक्षणों में बिना खांसी के तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल है.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद चीन में अब एक बार फिर हाहाकार मचा हुआ है. यहां रहस्यमयी निमोनिया कहे जा रहे इन्फ्लूएंजा ए वायरस के सब-टाइप एच9एन 2 का कहर देखने को मिल रहा है. चिंता की बात है कि चीन के बाद अब भारत में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इसको लेकर एम्स डॉक्टर का कहना है कि चीन की स्थिति से भारत की तुलना करना ठीक नहीं है.

कार्डियोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र सिंह मल्हि बताते हैं कि एम्स हर खतरे को लेकर तैयार है. जहां तक माइकोप्लाज्मा निमोनिया की बात है तो इससे उन्हें कोई विशेष खतरा नजर नहीं आता है. उन्होंने कहा कि चीन के माइकोप्लाज्मा निमोनिया के केस भारत में भी है. भारत में अप्रैल से अक्टूबर 2023 के बीच दिल्ली में 7 मामले देखने को मिले थे. चीन के 'निमोनिया' से भारत को खतरा नहीं है. फिर भी बच्चों और बुजुर्गों की खांसी को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

वहीं, भारत सरकार ने मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि चीन में निमोनिया के मामलों में हालिया वृद्धि से जुड़े एम्स दिल्ली में बैक्टीरिया के मामलों का पता लगाने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टें भ्रामक और गलत हैं. माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय-अधिग्रहित निमोनिया का सबसे आम जीवाणु कारण है. एम्स दिल्ली में निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में श्वसन संक्रमण में हालिया वृद्धि से कोई संबंध नहीं है.

  • Media reports claiming detection of bacterial cases in AIIMS Delhi linked to the recent surge in Pneumonia cases in China are misleading and inaccurate. Mycoplasma pneumonia is the commonest bacterial cause of community-acquired pneumonia. Pneumonia Cases in AIIMS Delhi have no… pic.twitter.com/rZkpgPEwv1

    — ANI (@ANI) December 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने माइकोप्लाज्मा निमोनिया की पहचान की. लैंसेट माइक्रोब जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स दिल्ली ने अप्रैल और सितंबर 2023 के बीच एकत्र किए गए सात नमूनों में इस बैक्टीरिया का पता लगाया, जो 'वॉकिंग निमोनिया' का कारण बनता है. अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, लक्षणों में खांसी, बुखार, सीने में दर्द, हल्की ठंड लगना और सिरदर्द शामिल है. भारत के अलावा डेनमार्क और नीदरलैंड में भी इस निमोनिया के मामले सामने आ चुके हैं.

चीनी निमोनिया से भारत को खतरा नहीं: चीन में बच्चों में एच1एन2 मामलों के प्रकोप और श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है. बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. वैक्सीन इंडिया के हेड डॉ. अजय बताते हैं कि निमोनिया के सामान्य लक्षणों में बलगम और बिना बलगम के साथ होने वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में दिक्कत होना शामिल है. चीन में फैले इस रहस्यमयी निमोनिया की बात करें तो इसके लक्षणों में बिना खांसी के तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन शामिल है.

Last Updated : Dec 7, 2023, 10:11 PM IST
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