चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में मंत्री पद को लेकर पंजाब कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है. इसकी वजह कैप्टन कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले मंत्री राणा गुरजीत हैं. राणा के खिलाफ 7 नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. इन नेताओं ने राणा को मंत्री नहीं बनाने के लिए कहा है. इनमें दोआबा के विधायक बावा हैनरी, नवतेज चीमा, बलविंदर धालीवाल, राजकुमार चब्बेवाल, पवन आदिया, सुखपाल सिंह खैहरा के साथ पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिंदर सिंह केपी शामिल हैं.
इस सिलसिले में इन नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया कि राणा को मंत्री बनाने से सरकार व पार्टी की छवि खराब होगी. यह सभी नेता जल्द सिद्धू से मिल भी सकते हैं.
कैप्टन की कैबिनेट में थे राणा
राणा गुरजीत को कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है. 2018 में उन पर अपने रसोइए के नाम पर रेत खनन करने को लेकर कुछ आरोप लगे थे. उस समय कैप्टन ने जांच कराई और क्लीन चिट दे दी. वहीं विपक्षी दलों ने मुद्दा उठाया तो राणा ने कहा कि उन्होंने कैप्टन को इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद राहुल गांधी ने इसका नोटिस ले लिया. इसके बाद कैप्टन ने राहुल से मुलाकात की, जिसके बाद राणा गुरजीत का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया. फलस्वरूप 10 महीने में ही राणा को मंत्री पद खोना पड़ा. अब उनकी फिर से वापसी हो रही थी.