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कोरोना ने ली एक महीने की बच्ची की जान, हिमाचल में एक दिन में रिकॉर्ड 67 की मौत

हिमाचल में कोरोना से एक महीने की बच्ची समेत एक दिन में 67 लोगों की मौत हुई है. कोरोना से प्रदेश में एक दिन में मौत का ये सबसे अधिक आंकड़ा है.

हिमाचल में एक दिन में रिकॉर्ड 67 की मौत
हिमाचल में एक दिन में रिकॉर्ड 67 की मौत
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Published : May 14, 2021, 9:14 PM IST

Updated : May 14, 2021, 9:35 PM IST

शिमला: हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को एक दिन में एक महीने की बच्ची समेत 67 लोगों की मौत हुई है. अब तक का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. शुक्रवार को कोरोना के 3,044 नए मामले सामने आए हैं. प्रदेश में अभी एक्टिव केस 39,623 है.

राजधानी शिमला में कोरोना से एक महीने की बच्ची की मौत

राजधानी शिमला में एक महीने की बच्ची की कोरोना से मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि बच्ची ठियोग के धरेच की थी. उसे 7 मई को आईजीएमसी में भर्ती कराया गया था. जानकारी के अनुसार बच्ची में कोविड निमोनिया का लक्षण पाया गया था. नोजल ब्लॉकेज के चलते बच्ची को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी. इलाज के दौरान आईजीएमसी में उसकी मौत हो गई.

3,044 नए मामले आने के साथ ही प्रदेश में अभी तक 1,53,717 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, 1,11,878 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. ऐसे में सरकार और प्रशासन का कहना है कि संक्रमण और मौत का बढ़ता आंकड़ा लोगों की लापरवाही का सबब है. अगर लोगों ने लापरवाही बरतना बंद नहीं किया हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं.

3,362 संक्रमित हुए स्वस्थ्य

3,044 नए मामलों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कुल आंकड़ा 1 लाख 53 हजार 717 पर जा पहुंचा है. शुक्रवार को 3,362 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हुए हैं. कोरोना से अब तक प्रदेश में 2,185 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. प्रदेश में 1 लाख 11 हजार 878 कोरोना संक्रमित ठीक भी हो चुके हैं. वहीं, 18 मरीज अभी इलाज के लिए प्रदेश से बाहर गए हैं.

कुल 17,08,083 लोगों के कोरोना टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक हिमाचल में अब तक कुल 17,08,083 लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. इनमें 15,49,618 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जबकि 4,748 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है.

बता दें कि शुक्रवार को कांगड़ा जिले में कोरोना के सबसे अधिक 724 नए मामले सामने आए हैं, जबकि सबसे कम 19 मामले लाहौल स्पीति जिले में सामने आए हैं. कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 32 संक्रमितों की मौत हुई है.

अधिकांश मरीजों में पाया गया कोविड निमोनिया

इस दुखद परिस्थितियों में ये बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि प्रदेश में लगातार बढ़ती मौतों का कारण क्या है. यदि शुक्रवार की ही बात की जाए तो जिन 67 लोगों की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश को कोविड निमोनिया पाया गया. एआरडीएस यानी सांस लेने में तकलीफ होने के बाद भी मौत का शिकार होने वालों की संख्या काफी है.

कांगड़ा में 613 लोगों की मौत

अब ऐसी स्थिति को थामना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. हिमाचल में कांगड़ा जिला आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा है. यहां कोरोना से अब तक 613 लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं. शिमला में 437 लोगों की मौत हुई. इस बड़ी संख्या का कारण ये है कि शिमला में प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल है और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में गंभीर रूप से संक्रमित लोग रेफर होकर आते हैं. यदि उक्त दोनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मौत होती है तो वो संबंधित जिले में ही काउंट की जाती है. यही कारण है कि यहां मृतकों की संख्या का आंकड़ा अधिक है.

ये भी पढ़ें: अब कांगड़ा में प्रशासन कराएगा कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार, लोगों पर नहीं छोड़ी जाएगी जिम्मेदारी

जांच में लोग करवा रहे देरी: सैजल

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रदेश सरकार पूरी सजगता से लड़ रही है. ये सही है कि मई महीने में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा बढ़ा है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की पड़ताल करें तो लक्षण मिलने के बाद जो लोग देरी से आए और जिन्हें डायबिटिज व दिल के रोगों की शिकायत के साथ हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी, उनकी मौत का आंकड़ा अधिक है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 7 मई से कोरोना कर्फ्यू लगाया है. सरकार प्रयासरत है कि मौत के आंकड़ों को थामा जाए. इसके लिए प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर्स के साथ लगातार हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं कि संक्रमण का शिकार होने वालों की जान बचाई जा सके.

शिमला: हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को एक दिन में एक महीने की बच्ची समेत 67 लोगों की मौत हुई है. अब तक का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. शुक्रवार को कोरोना के 3,044 नए मामले सामने आए हैं. प्रदेश में अभी एक्टिव केस 39,623 है.

राजधानी शिमला में कोरोना से एक महीने की बच्ची की मौत

राजधानी शिमला में एक महीने की बच्ची की कोरोना से मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि बच्ची ठियोग के धरेच की थी. उसे 7 मई को आईजीएमसी में भर्ती कराया गया था. जानकारी के अनुसार बच्ची में कोविड निमोनिया का लक्षण पाया गया था. नोजल ब्लॉकेज के चलते बच्ची को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी. इलाज के दौरान आईजीएमसी में उसकी मौत हो गई.

3,044 नए मामले आने के साथ ही प्रदेश में अभी तक 1,53,717 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, 1,11,878 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. ऐसे में सरकार और प्रशासन का कहना है कि संक्रमण और मौत का बढ़ता आंकड़ा लोगों की लापरवाही का सबब है. अगर लोगों ने लापरवाही बरतना बंद नहीं किया हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं.

3,362 संक्रमित हुए स्वस्थ्य

3,044 नए मामलों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कुल आंकड़ा 1 लाख 53 हजार 717 पर जा पहुंचा है. शुक्रवार को 3,362 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हुए हैं. कोरोना से अब तक प्रदेश में 2,185 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. प्रदेश में 1 लाख 11 हजार 878 कोरोना संक्रमित ठीक भी हो चुके हैं. वहीं, 18 मरीज अभी इलाज के लिए प्रदेश से बाहर गए हैं.

कुल 17,08,083 लोगों के कोरोना टेस्ट

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक हिमाचल में अब तक कुल 17,08,083 लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. इनमें 15,49,618 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जबकि 4,748 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है.

बता दें कि शुक्रवार को कांगड़ा जिले में कोरोना के सबसे अधिक 724 नए मामले सामने आए हैं, जबकि सबसे कम 19 मामले लाहौल स्पीति जिले में सामने आए हैं. कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 32 संक्रमितों की मौत हुई है.

अधिकांश मरीजों में पाया गया कोविड निमोनिया

इस दुखद परिस्थितियों में ये बड़ा सवाल पैदा हो गया है कि प्रदेश में लगातार बढ़ती मौतों का कारण क्या है. यदि शुक्रवार की ही बात की जाए तो जिन 67 लोगों की मौत हुई है, उनमें से अधिकांश को कोविड निमोनिया पाया गया. एआरडीएस यानी सांस लेने में तकलीफ होने के बाद भी मौत का शिकार होने वालों की संख्या काफी है.

कांगड़ा में 613 लोगों की मौत

अब ऐसी स्थिति को थामना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. हिमाचल में कांगड़ा जिला आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा है. यहां कोरोना से अब तक 613 लोग मौत के मुंह में जा चुके हैं. शिमला में 437 लोगों की मौत हुई. इस बड़ी संख्या का कारण ये है कि शिमला में प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल है और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में गंभीर रूप से संक्रमित लोग रेफर होकर आते हैं. यदि उक्त दोनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मौत होती है तो वो संबंधित जिले में ही काउंट की जाती है. यही कारण है कि यहां मृतकों की संख्या का आंकड़ा अधिक है.

ये भी पढ़ें: अब कांगड़ा में प्रशासन कराएगा कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार, लोगों पर नहीं छोड़ी जाएगी जिम्मेदारी

जांच में लोग करवा रहे देरी: सैजल

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रदेश सरकार पूरी सजगता से लड़ रही है. ये सही है कि मई महीने में कोरोना संक्रमण से मौत का आंकड़ा बढ़ा है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की पड़ताल करें तो लक्षण मिलने के बाद जो लोग देरी से आए और जिन्हें डायबिटिज व दिल के रोगों की शिकायत के साथ हाई ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी, उनकी मौत का आंकड़ा अधिक है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 7 मई से कोरोना कर्फ्यू लगाया है. सरकार प्रयासरत है कि मौत के आंकड़ों को थामा जाए. इसके लिए प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर्स के साथ लगातार हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं कि संक्रमण का शिकार होने वालों की जान बचाई जा सके.

Last Updated : May 14, 2021, 9:35 PM IST
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