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खोले के हनुमान जी मंदिर में 63वां अन्नकूट महोत्सव : 62 साल पहले ढाई किलो अन्न से हुई थी शुरुआत, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ कीर्तिमान

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur, जयपुर के प्रसिद्ध खोले के हनुमान जी मंदिर में रविवार को 63वां अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. इस दौरान यहां अन्नकूट का प्रसाद पाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, जो पंगत में बैठक प्रसाद ग्रहण किए.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 17, 2023, 7:21 PM IST

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा

जयपुर. राजधानी जयपुर के प्रसिद्ध खोले के हनुमान जी मंदिर में रविवार को 63वां अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान यहां अन्नकूट का प्रसाद पाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. वहीं, इस महोत्सव की शुरुआत 62 साल पहले ढाई किलो अन्न के साथ हुई थी, जो अब लक्खी अन्नकूट में बदल गया है. साल 2017 में अन्नकूट महोत्सव का कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. करीब सवा लाख लोगों को पंगत प्रसाद पाने का कीर्तिमान दर्ज किया गया था. इस बार साल 2023 के 63वें अन्नकूट महोत्सव में करीब पौने दो लाख लोगों के पंगत प्रसादी ग्रहण करने का रिकॉर्ड बनने का अनुमान है.

श्रद्धालुओं ने ग्रहण की प्रसाद : श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं ने मूंग, चोला, बाजरा, चावल, सब्जी, कड़ी के साथ हलवा और भुजिया की प्रसादी ग्रहण की है. पंगत प्रसादी शुरू करने से पहले लक्ष्मण डूंगरी के खोले में विराजे रामजी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा माता, गायत्री माता, वैष्णो माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत सभी देवालयों में 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु- संत और प्रबुद्धजन भी शामिल हुए. अन्नकूट में जात-पात, छोटे-बड़े, अधिकारी-कर्मचारी और राजनेताओं ने पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण की.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
जयपुर के प्रसिद्ध खोले के हनुमान जी

इसे भी पढ़ें - Hanuman Janmotsav : खोले के हनुमान जी को धारण करवाई 51 किलो की चांदी की पोशाक, लगाया 56 भोग

विभिन्न झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र : अन्नकूट महोत्सव के दौरान खोले के हनुमानजी मंदिर परिसर में फल- सब्जी की झांकी, श्री आनन्देश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियारामजी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डुओं की झांकी सजाई गई. मंदिर में परम्परागत झाकियों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही. करीब 500 क्विंटल फूलों से खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर को सजाया गया.

61 मंदिरों और हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी लगे छप्पन भोग : श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि लक्खी अन्नकूट महोत्सव के दौरान हनुमान जी सहित मंदिर परिसर में बने 61 से अधिक मंदिरों में भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए. इसके बाद प्रसादी वितरण का कार्य शुरू हुआ. खोले के हनुमान जी के मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग, अन्नकूट की प्रसादी और चादर चढ़ाई गई. 41 भट्टियों पर अन्नकूट प्रसादी बनाने का कार्य लगातार जारी रहा. प्रसादी स्थल पर सभी जगह गर्म और ताजा बनी हुई प्रसादी पहुंचे इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए गए. प्रसादी के लिए अलग-अलग 13 खंडों की व्यवस्था की गई. प्रसादी के लिए अलग-अलग खंड बनाए गए. अन्नकूट महोत्सव के लिए बनाई समितियों के हजार कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र

इसे भी पढ़ें - खोले के हनुमान मंदिर में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, भजन संध्या में मुस्लिम कलाकारों ने दी प्रस्तुति

भजनों की स्वर लहरियों के साथ प्रसादी : अन्नकूट समारोह की शुरूआत रविवार सुबह हनुमान जी महाराज के अभिषेक और सिंदूरी चौला धारण कराने के साथ हुई. हनुमानजी महाराज का श्रृंगार कर छप्पन भोग अर्पित किए गए. इसके बाद वेद विद्यालय के छात्रों ने मंगलाचरण किया. दोपहर शिव सत्संग मंडल की ओर से हरिनाम संकीर्तन किया. इसके बाद बैंडवादन किया. संत-महंतों ने हनुमानजी महाराज की महाआरती की.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
पंगत में बैठक कर श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि धर्म और जाति भेदभाव से रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन पूरे राजस्थान में मिसाल बन गया है. एक ओर पंगत में भोजन परोसा जा रहा था, दूसरी ओर भजन संध्या चल रही थीं. श्री गुरूकृपा जागरण मंडल के भजन गायन के बाद पीआर स्वामी और मोहन बालोदिया सहित अन्य भजन गायकों ने राम मंदिर में भजनों की प्रस्तुतियां दी.

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा

जयपुर. राजधानी जयपुर के प्रसिद्ध खोले के हनुमान जी मंदिर में रविवार को 63वां अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान यहां अन्नकूट का प्रसाद पाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. वहीं, इस महोत्सव की शुरुआत 62 साल पहले ढाई किलो अन्न के साथ हुई थी, जो अब लक्खी अन्नकूट में बदल गया है. साल 2017 में अन्नकूट महोत्सव का कीर्तिमान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. करीब सवा लाख लोगों को पंगत प्रसाद पाने का कीर्तिमान दर्ज किया गया था. इस बार साल 2023 के 63वें अन्नकूट महोत्सव में करीब पौने दो लाख लोगों के पंगत प्रसादी ग्रहण करने का रिकॉर्ड बनने का अनुमान है.

श्रद्धालुओं ने ग्रहण की प्रसाद : श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं ने मूंग, चोला, बाजरा, चावल, सब्जी, कड़ी के साथ हलवा और भुजिया की प्रसादी ग्रहण की है. पंगत प्रसादी शुरू करने से पहले लक्ष्मण डूंगरी के खोले में विराजे रामजी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा माता, गायत्री माता, वैष्णो माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत सभी देवालयों में 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु- संत और प्रबुद्धजन भी शामिल हुए. अन्नकूट में जात-पात, छोटे-बड़े, अधिकारी-कर्मचारी और राजनेताओं ने पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण की.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
जयपुर के प्रसिद्ध खोले के हनुमान जी

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विभिन्न झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र : अन्नकूट महोत्सव के दौरान खोले के हनुमानजी मंदिर परिसर में फल- सब्जी की झांकी, श्री आनन्देश्वर महादेव के अन्न की झांकी, सियारामजी महाराज की छप्पन भोग की झांकी, श्री गणेश जी के लड्डुओं की झांकी सजाई गई. मंदिर में परम्परागत झाकियों के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग बर्फ की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही. करीब 500 क्विंटल फूलों से खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर को सजाया गया.

61 मंदिरों और हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी लगे छप्पन भोग : श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि लक्खी अन्नकूट महोत्सव के दौरान हनुमान जी सहित मंदिर परिसर में बने 61 से अधिक मंदिरों में भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए गए. इसके बाद प्रसादी वितरण का कार्य शुरू हुआ. खोले के हनुमान जी के मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी छप्पन भोग, अन्नकूट की प्रसादी और चादर चढ़ाई गई. 41 भट्टियों पर अन्नकूट प्रसादी बनाने का कार्य लगातार जारी रहा. प्रसादी स्थल पर सभी जगह गर्म और ताजा बनी हुई प्रसादी पहुंचे इसके लिए पुख्ता प्रबंध किए गए. प्रसादी के लिए अलग-अलग 13 खंडों की व्यवस्था की गई. प्रसादी के लिए अलग-अलग खंड बनाए गए. अन्नकूट महोत्सव के लिए बनाई समितियों के हजार कार्यकर्ताओं ने सेवाएं दी.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
झांकियां बनी आकर्षण का केंद्र

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भजनों की स्वर लहरियों के साथ प्रसादी : अन्नकूट समारोह की शुरूआत रविवार सुबह हनुमान जी महाराज के अभिषेक और सिंदूरी चौला धारण कराने के साथ हुई. हनुमानजी महाराज का श्रृंगार कर छप्पन भोग अर्पित किए गए. इसके बाद वेद विद्यालय के छात्रों ने मंगलाचरण किया. दोपहर शिव सत्संग मंडल की ओर से हरिनाम संकीर्तन किया. इसके बाद बैंडवादन किया. संत-महंतों ने हनुमानजी महाराज की महाआरती की.

63rd Annakoot Mahotsav in Jaipur
पंगत में बैठक कर श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि धर्म और जाति भेदभाव से रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन पूरे राजस्थान में मिसाल बन गया है. एक ओर पंगत में भोजन परोसा जा रहा था, दूसरी ओर भजन संध्या चल रही थीं. श्री गुरूकृपा जागरण मंडल के भजन गायन के बाद पीआर स्वामी और मोहन बालोदिया सहित अन्य भजन गायकों ने राम मंदिर में भजनों की प्रस्तुतियां दी.

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