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यूक्रेन में फंसे 60 प्रतिशत भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया : केंद्र ने केरल हाई कोर्ट में दी जानकारी

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Published : Mar 2, 2022, 3:10 PM IST

Updated : Mar 2, 2022, 4:29 PM IST

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को सातवां दिन है. रूस खारकीव पर भीषण हमला कर रहा है. यूक्रेन में फंसे लोगों के संबंध में केरल हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जानिए सरकार की ओर से क्या जानकारी दी गई .

Kerala HC
केरल उच्च न्यायालय

कोच्चि : केंद्र सरकार ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala HC) को बताया कि यूक्रेन में फंसे करीब 20,000 भारतीयों में से 60 प्रतिशत ने यूक्रेन की सीमा पार कर ली है (60 pc of Indian nationals in Ukraine safely evacuated) . बाकी लोगों को भी सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि 'ऑपरेशन गंगा' के तहत कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट के अलावा भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जा रही है. रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और यूक्रेन के अन्य पड़ोसी देशों में आए भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना की फ्लाइट्स को भी ऑपरेशन में लगाया गया है.

युद्ध प्रभावित खारकीव में फंसे छात्रों के संबंध में सरकार ने कहा कि वहां की स्थिति अस्थिर थी. शहर में भारी गोलाबारी हो रही थी इसलिए, छात्रों को सलाह दी गई कि जहां कहीं भी हैं सुरक्षित रहें, जैसे ही स्थिति में सुधार होगा खारकीव में फंसे छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर उपयुक्त तरीके से निकाला जाएगा. कीव में हमारा मिशन अधिकांश छात्रों के संपर्क में है, हर संभव मदद की कोशिश की जा रही है.

केरल हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और उसके दो सदस्यों की ओर से याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही थी. केरल हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के सदस्य की बेटी यूक्रेन में फंसी है. वहां फंसे मलयाली छात्रों की सुरक्षित और शीघ्र निकासी के लिए दायर याचिका के जवाब में सरकार की ओर से ये जानकारी दी गई है.

बुधवार को याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि उनकी याचिका में जिन छात्र का जिक्र है वह हंगरी चले गए हैं और सुरक्षित हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी कुछ अन्य चिंताएं भी हैं. अदालत ने मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. केंद्र ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्रालय 15 फरवरी से यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को अस्थायी रूप से उस देश को छोड़ने के लिए परामर्श जारी कर रहा है. आक्रमण शुरू होने के बाद, उन्होंने वहां फंसे नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' भी शुरू किया है.

बयान में बताया गया कि परामर्श जारी होने के बाद 16 से 23 फरवरी के बीच 4000 भारतीय व्यावसायिक उड़ानों में भारत लौट चुके हैं. केंद्र सरकार ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि रूसी हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी में सहायता करने के लिए वह अपने चार कैबिनेट मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेज रहा है.

यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की अन्य खबरें भी पढ़ें-

(PTI)

कोच्चि : केंद्र सरकार ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala HC) को बताया कि यूक्रेन में फंसे करीब 20,000 भारतीयों में से 60 प्रतिशत ने यूक्रेन की सीमा पार कर ली है (60 pc of Indian nationals in Ukraine safely evacuated) . बाकी लोगों को भी सुरक्षित निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया है कि 'ऑपरेशन गंगा' के तहत कॉमर्शियल एयरक्राफ्ट के अलावा भारतीय वायुसेना की भी मदद ली जा रही है. रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और यूक्रेन के अन्य पड़ोसी देशों में आए भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना की फ्लाइट्स को भी ऑपरेशन में लगाया गया है.

युद्ध प्रभावित खारकीव में फंसे छात्रों के संबंध में सरकार ने कहा कि वहां की स्थिति अस्थिर थी. शहर में भारी गोलाबारी हो रही थी इसलिए, छात्रों को सलाह दी गई कि जहां कहीं भी हैं सुरक्षित रहें, जैसे ही स्थिति में सुधार होगा खारकीव में फंसे छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर उपयुक्त तरीके से निकाला जाएगा. कीव में हमारा मिशन अधिकांश छात्रों के संपर्क में है, हर संभव मदद की कोशिश की जा रही है.

केरल हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और उसके दो सदस्यों की ओर से याचिका दाखिल की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही थी. केरल हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के सदस्य की बेटी यूक्रेन में फंसी है. वहां फंसे मलयाली छात्रों की सुरक्षित और शीघ्र निकासी के लिए दायर याचिका के जवाब में सरकार की ओर से ये जानकारी दी गई है.

बुधवार को याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि उनकी याचिका में जिन छात्र का जिक्र है वह हंगरी चले गए हैं और सुरक्षित हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी कुछ अन्य चिंताएं भी हैं. अदालत ने मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. केंद्र ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्रालय 15 फरवरी से यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को अस्थायी रूप से उस देश को छोड़ने के लिए परामर्श जारी कर रहा है. आक्रमण शुरू होने के बाद, उन्होंने वहां फंसे नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' भी शुरू किया है.

बयान में बताया गया कि परामर्श जारी होने के बाद 16 से 23 फरवरी के बीच 4000 भारतीय व्यावसायिक उड़ानों में भारत लौट चुके हैं. केंद्र सरकार ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि रूसी हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी में सहायता करने के लिए वह अपने चार कैबिनेट मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेज रहा है.

यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की अन्य खबरें भी पढ़ें-

(PTI)

Last Updated : Mar 2, 2022, 4:29 PM IST
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