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चीन के सिचुआन प्रांत में 6.8 तीव्रता का भूकंप, 21 लोगों की मौत

भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी से 39 किलोमीटर दूर स्थित था और भूकंप के केंद्र के पांच किलोमीटर के दायरे में कई गांव आते हैं. भूकंप के झटके सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु में भी महसूस किए गए, जो भूकंप के केंद्र से 226 किलोमीटर दूर स्थित है.

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Published : Sep 5, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 7:16 PM IST

बीजिंग : चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत की लुडिंग काउंटी में सोमवार को 6.8 तीव्रता का जोरदार भूकंप (earthquake in Sichuan) आया, जिसमें कम से कम 21 लोगों की मौत हो गयी. यह प्रांत पहले ही कोविड-19 के बढ़ते मामलों और अभूतपूर्व सूखे की समस्या से जूझ रहा है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आया और भूकंप का केंद्र 29.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 102.08 डिग्री पूर्वी देशांतर पर, जमीन से 16 किलोमीटर की गहरायी में स्थित था.

भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी से 39 किलोमीटर दूर स्थित (Luding County epicenter of earthquake) था और भूकंप के केंद्र के पांच किलोमीटर के दायरे में कई गांव आते हैं. भूकंप के झटके सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु में भी महसूस किए गए, जो भूकंप के केंद्र से 226 किलोमीटर दूर स्थित है. चीन के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में चेंगदु में इमारतों को हिलते हुए देखा जा सकता है.

सिचुआन प्रांत तिब्बत के पड़ोस में स्थित है और भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है. इस प्रांत में 2008 में विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 90,000 लोगों की मौत हो गयी थी. प्रांत में 2013 में सात तीव्रता के भूकंप में 200 लोगों की जान चली गयी थी. चेंगदु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. निवासियों को घरों में रहने के लिए कहा गया है और हर घर से केवल एक व्यक्ति को आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की अनुमति है.

बता दें कि, भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है. धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं. सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं. रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते.

वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है. लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं. हालांकि, इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है.

बीजिंग : चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत की लुडिंग काउंटी में सोमवार को 6.8 तीव्रता का जोरदार भूकंप (earthquake in Sichuan) आया, जिसमें कम से कम 21 लोगों की मौत हो गयी. यह प्रांत पहले ही कोविड-19 के बढ़ते मामलों और अभूतपूर्व सूखे की समस्या से जूझ रहा है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के हवाले से बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आया और भूकंप का केंद्र 29.59 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 102.08 डिग्री पूर्वी देशांतर पर, जमीन से 16 किलोमीटर की गहरायी में स्थित था.

भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी से 39 किलोमीटर दूर स्थित (Luding County epicenter of earthquake) था और भूकंप के केंद्र के पांच किलोमीटर के दायरे में कई गांव आते हैं. भूकंप के झटके सिचुआन प्रांत की राजधानी चेंगदु में भी महसूस किए गए, जो भूकंप के केंद्र से 226 किलोमीटर दूर स्थित है. चीन के सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में चेंगदु में इमारतों को हिलते हुए देखा जा सकता है.

सिचुआन प्रांत तिब्बत के पड़ोस में स्थित है और भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है. इस प्रांत में 2008 में विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 90,000 लोगों की मौत हो गयी थी. प्रांत में 2013 में सात तीव्रता के भूकंप में 200 लोगों की जान चली गयी थी. चेंगदु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. निवासियों को घरों में रहने के लिए कहा गया है और हर घर से केवल एक व्यक्ति को आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की अनुमति है.

बता दें कि, भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है. धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं. सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं. रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते.

वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है. लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं. इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं. हालांकि, इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है.

Last Updated : Sep 5, 2022, 7:16 PM IST
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