नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सुरक्षित नागरिक विमान संचालन पर 5G सिग्नल के संभावित प्रभाव पर कोई अध्ययन नहीं किया है. हालांकि DGCA ने विमान में लगे रेडियो अल्टीमीटर पर 5G C-बैंड सिग्नल के संभावित हस्तक्षेप और हवाई यात्रा में शामिल जोखिम पर 5G के लॉन्च के दौरान विभिन्न देशों द्वारा किए गए अध्ययन/कार्रवाई की समीक्षा की है. ये जानकारी सरकार की ओर से सोमवार को राज्यसभा में दी गई.
बताया गया कि समीक्षा से पता चला है कि सी-बैंड 5जी सिग्नल के कारण विमान पर स्थापित रेडियो अल्टीमीटर के कामकाज में हस्तक्षेप की संभावना हो सकती है जो महत्वपूर्ण विमान प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है और असुरक्षित विमान संचालन का कारण बन सकता है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल डॉ. वी के सिंह (सेवानिवृत्त) ने लिखित रूप से ये जवाब एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण के एक प्रश्न के बाद दिया. वंदना चव्हाण ने पूछा था कि क्या सरकार ने सुरक्षित उड़ान संचालन पर 5जी सिग्नल के संभावित प्रभावों और इसके आगे के विवरण का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन किया है.
जब तक हवाई यात्रा का जोखिम समाप्त नहीं हो जाता, तब तक क्या सरकार 5जी परिचालन को निलंबित कर देगी. इसके जवाब में राज्य मंत्री ने कहा कि 'ओईएम से प्राप्त तकनीकी इनपुट के आधार पर कि भारत में अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) के लिए 5जी प्रसारण के लिए आवंटित फ्रीक्वेंसी बैंड में एक गार्ड बैंड उपलब्ध है, विमान रेडियो अल्टीमीटर के साथ हस्तक्षेप की संभावना हो सकती है जो सुरक्षित विमान संचालन को प्रभावित कर सकती है.'
उन्होंने सदस्यों को बताया कि हस्तक्षेप को कम करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को सलाह दी गई है कि वे हवाईअड्डों के आसपास 5जी टावर लगाते समय कुछ प्रोटोकॉल सुनिश्चित करें.
उन्होंने कहा कि इसमें 'हवाई अड्डों के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा और बफर जोन स्थापित करना, हवाई अड्डों के आसपास सी-बैंड 5जी प्रसारण के बिजली स्तर को सीमित करना और 5जी बेस स्टेशनों को इस हद तक झुकाना कि 5जी उत्सर्जन रेडियो अल्टीमीटर के साथ हस्तक्षेप न करना शामिल है.'
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