नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में बताया कि पिछले पांच साल में पूरे भारत में कम से कम 56,014 मेडिकल छात्रों ने आत्महत्या की. स्वास्थ्य राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार 2017 में 9905 मेडिकल छात्रों ने आत्महत्या की, इसके बाद 2018 में 10159, 2019 में 10335, 2020 में 12526 और 2021 में 13089 छात्रों ने आत्महत्या की.
छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए बघेल ने कहा कि अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने एमबीबीएस छात्रों के लिए नई योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा लागू की है, जिसमें एमबीबीएस छात्रों के तनाव और अवसाद को कम करने के लिए फाउंडेशन कोर्स के दौरान योग पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. उन्होंने कहा,'सरकार देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP) लागू कर रही है. एनएमएचपी के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) घटक को 738 जिलों में कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दे दी गई है. इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता प्रदान की जाती है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) स्तर पर डीएमएचपी के तहत दी जाने वाली सुविधाओं में बाह्य रोगी सेवाएं, मूल्यांकन, परामर्श / मनो-सामाजिक हस्तक्षेप, गंभीर मानसिक विकार वाले व्यक्तियों की निरंतर देखभाल और सहायता, दवाएं, और एम्बुलेंस सेवाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'एनएमएचपी के तृतीयक देखभाल घटक के तहत, मानसिक स्वास्थ्य विशिष्टताओं में पीजी विभागों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ तृतीयक स्तर की उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई है.'
बघेल ने बताया कि इसके अलावा, सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य विशिष्टताओं में 47 पीजी विभागों को मजबूत करने के लिए 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को भी समर्थन दिया है. 22 एम्स में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का भी प्रावधान किया गया है. ये सेवाएं पीएमजेएवाई के तहत भी उपलब्ध हैं. बघेल ने बताया कहा कि सरकार ने देश में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए पिछले साल अक्टूबर में एक 'राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम' (एनटीएमएचपी) शुरू किया था. इस वर्ष 17 जुलाई तक, 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 42 टेली मानस सेल स्थापित किए हैं और टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की हैं. हेल्पलाइन नंबर पर 1,94,000 से अधिक कॉलों को अटेंड किया गया.