नई दिल्लीः एशिया की सबसे सुरक्षित माने जानेवाले तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर पिछले कुछ समय से सवाल उठ रहे हैं. अब जेल की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जेल प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं. तिहाड़ के सभी जेलों में क्विक रिएक्शन टीम (QRT) को तैनात किया जाएगा. अभी तक इस टीम की तैनाती मंडोली, रोहिणी और तिहाड़ जेल में कर दी गई है. साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है, अगर इसकी संख्या बढ़ाने की जरूरत हुई तो इसे बढ़ाया जाएगा.
क्विक रिएक्शन टीम में तैनात पुलिस वालों के पास डंडे, पेपर स्प्रे, बॉडी प्रोटेक्टर के साथ-साथ अन्य हथियार भी होंगे. QRT में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवानों के साथ-साथ सीआरपीएफ और आइटीबीपी के भी जवान भी शामिल होंगे, जो जेल के भीतर अपनी तैनाती के दौरान किसी भी स्थिति को संभालने में मुस्तैदी दिखाएंगे.
इसके अलावा तिहाड़ जेल में जो दूसरा बदलाव किया गया है, वह यह है कि तिहाड़ की अलग-अलग जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद कैदियों का सुरक्षा ऑडिट किया जा रहा है, ताकि किसी तरह की चूक न हो. वहीं तीसरा बदलाव यह है कि गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या जैसी अगर कोई वारदात के हालात बनते हैं, तो वहां मौजूद पुलिस टीम और जेल स्टाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे. उन्हें किसी ऑर्डर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके लिए पहले से स्टैंडिंग ऑर्डर निकाले जा चुके हैं.
जेल एक्ट में बदलाव को लेकर चिट्ठीः वहीं चौथे और बड़े बदलाव के रूप में यह है कि तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में बंद लगभग दो दर्जन से अधिक गैंगस्टर और उसी गैंग के दूसरे बदमाशों की पहचान कर उन्हें एक ही जेल के वार्ड और बैरक में रखा जा रहा है ताकि वह अपने विरोधी गैंग के साथ कभी झड़प ना कर सके. जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांचवा बदलाव है जेल एक्ट में संशोधन, जिसके लिए जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार के गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. इसमें जेल एक्ट में कई तरह के संशोधन करने की बात लिखी गई है. अगर यह संशोधन हो जाता है तो उसके बाद तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में बंद खतरनाक गैंगस्टर को दूसरे राज्य की जेल में शिफ्ट किया जा सकेगा.
आनेवाले दिनों में होंगे और तबादलेः तिहाड़ जेल के डीजी संजय बेनीवाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछली घटना यानी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद कई स्तर पर सुरक्षा में बदलाव किए गए हैं और इसमें सबसे अहम बदलाव सभी जेलों में QRT की तैनाती के साथ हो गया है. वहीं, यहां की जेलों में बंद खतरनाक कैदियों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने के लिए जेल संशोधन में बदलाव के लिए सरकार को लिखा गया है. उनके अनुसार इस तरह के प्रयास से फिर से टिल्लू ताजपुरिया जैसी घटना नहीं हो पाएगी. वहीं जेल सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों जहां 99 जेल स्टाफ का ट्रांसफर किया गया, वहीं आने वाले दिनों में कुछ और जेल स्टाफ का ट्रांसफर हो सकता है.