बक्सर: बिहार के बक्सर में पारिवारिक और सामाजिक ताना बाना को तार-तार करते हुए रिश्तों को शर्मसार कर देने वाले एक मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. जिसमें करीब 14 और 16 साल की दो नाबालिग बेटियों ने अपने पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. पीड़िता ने इस मामले में अपनी मां और मौसी समेत कुल पांच लोगों की संलिप्तता बताई थी. मामले की सुनवाई के क्रम में सभी आरोपितों को दोषी करार दिया गया है. इस मामले में अब सजा के बिंदु पर 12 सितम्बर को सुनवाई होगी.
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सगी बहनों से दुष्कर्म, पिता-तांत्रिक समेत 5 दोषी करार : पूरे मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि मामला राजपुर थाना के एक गांव की रहने वाली दोनों नाबालिग बच्चियों से जुड़ा हुआ है. दोनों वर्ष 2012 से ही अपने पिता की हवस का शिकार बन रही थी. दंपत्ति को कोई पुत्र नहीं हो रहा था, ऐसे में वह स्थानीय तांत्रिक अजय कुमार के चक्कर में आ गए और उसी के सुझाव पर दोनों बच्चियोंं को हवस का शिकार बना डाला.
अंधविश्वास में सगी बहनों से दुष्कर्म : तांत्रिक के द्वारा कथित तौर पर पूजा पाठ किए जाने के दौरान ही दंपति के यहां बेटा पैदा हुआ. बेटा पैदा होने पर तांत्रिक ने उन्हें बच्चे के ऊपर खतरा होने की बात बताते हुए अनुष्ठान की सलाह दी और इसके लिए दोनों बच्चियों को अनुष्ठान में शामिल किया. इस दौरान तांत्रिक समेत दो अन्य लोग भी बच्चियों को हवस का शिकार बनाते रहे.
माता-पिता समेत पांच लोग दोषी: यह सब काफी दिनों तक चलता रहा. आखिरकार बच्चियां हिम्मत जुटाकर किसी तरह बक्सर पहुंची और एक व्यक्ति को अपनी पूरी कहानी बताई. उस व्यक्ति ने दोनों बच्चियों को पुलिस के पास पहुंचाने में मदद की. इसके बाद मामले की पूरी जानकारी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह तक पहुंची. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने मामले पर संज्ञान लेते हुए 28 अप्रैल को महिला थाना में केस दर्ज करवाया. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तत्काल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
12 सितम्बर को सजा के बिंदु पर आएगा फैसला : विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस मामले की सुनवाई एडीजे 6 सह विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मनकामेश्वर प्रसाद चौबे की कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत चल रही थी. तमाम गवाहों के बयान सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में माता-पिता समेत कुल पांच लोगों को दोषी पाते हुए सजा के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.