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दूसरी लहर के दौरान रिहा 3200 विचाराधीन कैदियों में से 45 फिर गिरफ्तार - दिल्ली उच्च न्यायालय

कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जिन 3200 विचाराधीन कैदियों की रिहाई अवधि में विस्तार किया गया था उनमें से 45 को फिर से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी.

दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Aug 13, 2021, 10:14 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जिन 3200 विचाराधीन कैदियों की रिहाई अवधि में विस्तार किया गया था उनमें से 45 को अलग-अलग अपराधों के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया है.

न्यायमूर्ति विपिन सांघी, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही थी, जिसे दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने सूचित किया कि अधिकारी 'गिरफ्तार कैदियों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'इस वर्ष कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 3200 विचाराधीन कैदी रिहा किए गए थे. इनमें से 45 को विभिन्न अपराधों के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया है. यह बड़ी संख्या नहीं है.'

अदालत ने पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते अपराधों का संज्ञान लिया था और दिल्ली सरकार से कहा था कि कोविड-19 के बढ़ने के परिप्रेक्ष्य में विचाराधीन कैदियों एवं दोषियों को दी गई अंतरिम जमानत का इस पर होने वाले असर को लेकर स्थिति रिपोर्ट दायर करें.

पढ़ें- कोरोना के कारण तिहाड़ से पैरोल पर छोड़े गये 3400 कैदी फरार ! बढ़ सकते हैं अपराध

दिल्ली सरकार ने स्थिति रिपोर्ट में कहा कि जेल विभाग ने पुलिस से आग्रह किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था का विश्लेषण कर एक अलग रिपोर्ट दायर करे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान जिन 3200 विचाराधीन कैदियों की रिहाई अवधि में विस्तार किया गया था उनमें से 45 को अलग-अलग अपराधों के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया है.

न्यायमूर्ति विपिन सांघी, न्यायमूर्ति रेखा पल्ली और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ एक स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई कर रही थी, जिसे दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने सूचित किया कि अधिकारी 'गिरफ्तार कैदियों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, 'इस वर्ष कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 3200 विचाराधीन कैदी रिहा किए गए थे. इनमें से 45 को विभिन्न अपराधों के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया है. यह बड़ी संख्या नहीं है.'

अदालत ने पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते अपराधों का संज्ञान लिया था और दिल्ली सरकार से कहा था कि कोविड-19 के बढ़ने के परिप्रेक्ष्य में विचाराधीन कैदियों एवं दोषियों को दी गई अंतरिम जमानत का इस पर होने वाले असर को लेकर स्थिति रिपोर्ट दायर करें.

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दिल्ली सरकार ने स्थिति रिपोर्ट में कहा कि जेल विभाग ने पुलिस से आग्रह किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था का विश्लेषण कर एक अलग रिपोर्ट दायर करे.

(पीटीआई-भाषा)

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