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पांच साल में सीवर की सफाई के दौरान 443 लोगों की मौत, लोकसभा में सरकार ने दी जानकारी

पांच साल में सीवर की सफाई के दौरान 443 लोगों की मौत हुई है. ये जानकारी सरकार की ओर से लोकसभा में दी गई. सरकार की ओर से बताया गया कि 44,217 मैनुअल स्कैवेंजर्स की पहचान की गई है. Govt tells Lok sabha, 443 people died while cleaning sewers.

cleaning of sewers
सीवर की सफाई के दौरान मौत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2023, 10:10 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि नीति आयोग के आदेश पर 2018 में शुरू किए गए मैनुअल स्कैवेंजर्स के राष्ट्रीय सर्वेक्षण में 44,217 मैनुअल स्कैवेंजर्स की पहचान की गई है, जबकि पिछले पांच वर्षों में सीवर की सफाई के दौरान 443 मौतें हुई हैं.

यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री (MoS) रामदास अठावले की ओर से लोकसभा में एक लिखित उत्तर के रूप में सामने आई. उन्होंने टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार के एक प्रश्न का जवाब दिया. अपरूपा पोद्दार ने 2018 में राज्यवार सर्वेक्षण में पहचाने गए मैनुअल स्कैवेंजरों की संख्या के बारे में पूछा था.

राज्य मंत्री द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार 2018 में राष्ट्रीय सर्वेक्षण के तहत कुल 44,217 मैला ढोने वालों की पहचान की गई है जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे अधिक मैला ढोने वालों (20,884) के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद महाराष्ट्र में 6,325, उत्तराखंड में 4,854, असम में 3,771, राजस्थान में 2,340, कर्नाटक में मैला ढोने वालों की संख्या 2,238 है.

पिछले पांच वर्षों और वर्तमान वर्ष (2018-2023) के दौरान सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई में हुई मौतों की संख्या के संबंध में, इन पांच वर्षों में 443 मौतें हुईं. 2018 में 76 लोगों की मौत हुई. 2019 में 133, 2020 में 35, 2021 में 66, 2022 में 84 और 2023 में 20 नवंबर तक 49 मौतें हुई हैं.

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यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री (MoS) रामदास अठावले की ओर से लोकसभा में एक लिखित उत्तर के रूप में सामने आई. उन्होंने टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार के एक प्रश्न का जवाब दिया. अपरूपा पोद्दार ने 2018 में राज्यवार सर्वेक्षण में पहचाने गए मैनुअल स्कैवेंजरों की संख्या के बारे में पूछा था.

राज्य मंत्री द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार 2018 में राष्ट्रीय सर्वेक्षण के तहत कुल 44,217 मैला ढोने वालों की पहचान की गई है जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे अधिक मैला ढोने वालों (20,884) के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद महाराष्ट्र में 6,325, उत्तराखंड में 4,854, असम में 3,771, राजस्थान में 2,340, कर्नाटक में मैला ढोने वालों की संख्या 2,238 है.

पिछले पांच वर्षों और वर्तमान वर्ष (2018-2023) के दौरान सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई में हुई मौतों की संख्या के संबंध में, इन पांच वर्षों में 443 मौतें हुईं. 2018 में 76 लोगों की मौत हुई. 2019 में 133, 2020 में 35, 2021 में 66, 2022 में 84 और 2023 में 20 नवंबर तक 49 मौतें हुई हैं.

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